बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली विश्व प्रसिद्ध भस्मारती के दौरान एक बार फिर श्रद्धालुओं को प्रवेश दिये जाने का निर्णय प्रशासन ने किया है। प्रशासन का यह निर्णय काफी हद तक सही है। हालांकि प्रशासन ने निर्णय के दौरान इस बात की सावधानी रखी है कि भस्मारती के दौरान कुल क्षमता के पचास प्रतिशत लोगों को ही स्थान दिया जायेगा। कोरोना की स्थिति को देखते हुए इतनी सावधानी रखना जरूरी भी है।
प्रशासन के इस निर्णय से उज्जैन शहर की अर्थ व्यवस्था एक बार फिर पटरी पर आने लगेगी। भस्मारती के दौरान आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलने के कारण शहर का व्यापार-व्यवसाय काफी प्रभावित हो रहा था। जो भी श्रद्धालु शहर में आ रहा था, वह केवल कुछ घंटे रुक रहा था। श्रद्धालु आकर सीधे महाकाल मंदिर दर्शन के बाद शहर से रवाना हो रहा था। कई श्रद्धालु अब शाम के समय से ही शहर में आ जायेंगे, जो अगले दिन दोपहर तक शहर में ही रहेंगे।
व्यापार व्यवसाय के साथ-साथ राजाधिराज महाकाल महाराज की भस्मारती से आम श्रद्धालुओं की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में सिर्फ उज्जैन में श्रद्धालुओं को भस्मारती दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालु भस्मारती को लेकर कौतूहल के साथ काफी उत्सुक रहते हैं। सभी नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है।