भारतसिंह टांक ने किया पदभार ग्रहण, पूर्व सीएमओ के कार्यकाल की जांच की उठी मांग
थांदला। राज्य सरकार ने आखिर थांदला नगर पंचायत के बहुचर्चित व विवादास्पद प्रभारी सीएमओ अशोकसिंह चौहान को थांदला के प्रभारी सीएमओ के पद से हटाकर अपने मूल राजस्व निरीक्षक के पद पर पेटलावद नगर पंचायत में भेज दिया गया।
सीएमओ अशोक चौहान को थांदला नगर पंचायत से हटाए जाने के समाचार के साथ ही नगर के नागरिकों, छोटे व्यापारियों से लेकर नगर पंचायत कर्मियों व कांग्रेस भाजपा के पार्षदों ने हर्ष प्रकट करते हुए शासन के इस आदेश को नगरहित में अच्छा फैसला बताया। यहां तक कि सोशल मीडिया पर सभी एक दूसरे को बधाई देते हुए उन नेताओं की आलोचना करने से नहीं चूके जो अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्ट सीएमओ को संरक्षण देते रहे।
नागरिकों व मीडिया कर्मियों ने सीएमओ चौहान के कार्यकाल की जांच की मांग भी शासन-प्रशासन से की है। उधर सीएमओ को पुन: मूल पद पर पेटलावद पदस्थ करने के बाद पेटलावद नगर के जागरूक नागरिकों व मीडिया द्वारा भी शोशल मीडिया पर पेटलावद भेजे जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए आलोचना की जा रही है।
भाजपा-कांग्रेस पार्षद, मीडिया, जनता को थी शिकायत
पेटलावद में राजस्व निरीक्षक के पद पर रहते हुए तिकड़मबाजी से अशोक चौहान ने प्रभारी सीएमओ का पद ग्रहण कर अनेक गुल खिलाए थे। वहां भी जनता, जनप्रतिनिधि व मीडिया के कोपभाजक बन थांदला नगर पंचायत में राजस्व निरीक्षक बनकर आये थे। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में यहां भी तिकड़मबाजी से प्रभारी सीएमओ बन बैठे थे।
तिकड़मबाजी में माहिर अशोक चौहान कांग्रेस सरकार के जाते ही भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के चरणों में शरण गच्छामि होकर प्रभारी के पद पर बैठे रहे। इनके कार्य व्यवहार से नपा कर्मचारियों, स्वच्छताकर्मियो से लेकर कांग्रेस व भाजपा पार्षद ही नहीं अध्यक्ष, नागरिक, मीडिया तक नाराजगी प्रकट करते रहे, परन्तु स्वार्थी नेताओं के बलबूते पर इनकी मनमानी चलती रही।
प्रभारी सीएमओ रहते पद की सभी सीमाओं को नजर अंदाज कर पद का दुरुपयोग, मनमानी, भ्रष्ट्राचार के सभी रिकार्ड तोड़ दिए। गत पखवाड़े कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने ट्रेचिंग ग्राउंड की अनदेखी पर फटकार लगाई थी। पूर्व परिषद में भी प्रभारी सीएमओ रहते इनके कारनामों की शिकायत कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त तक हुई व निलंबित हुए थे। आखिर इस बार स्थानांतरण के दौर में इनके आका की नहीं चली और बड़े बेआबरू होकर मूल पद पर रवानगी हो गई।
कार्यकाल में धरना, शिकायतों का रिकार्ड बना
थांदला नगर पंचायत की स्थापना से आज तक अशोक चौहान एकमात्र ऐसे विवादास्पद सीएमओ रहे हैं जिनके कार्यकाल में सफाईकर्मियों से लेकर मीडिया तक ने इन्हें यहां से हटाने व कार्यकाल की जांच की मांग को लेकर धरना आंदोलन किये।
यहां तक कि नागरिकों ने हाथ भी साफ कर दिए। अशोक चौहान के कार्यकाल में नगर में विकास के बजाय विनाश की गंगा बहती रही, जनधन का जमकर दुरुपयोग हुआ, अवैध निर्माण के अलावा इनके संरक्षण व साठगांठ से नगर में अतिक्रमणों की भी बाढ़ आई जिससे नगर का स्वरूप बिगड़ा। सूचना के अधिकार कानून का जमकर दुरुपयोग भी इनके द्वारा किया गया तो निकाय के अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेजों के रिकार्ड भी कार्यालय से इनके कार्यकाल में लुप्त हुए।
कार्यकाल की जांच की उठी मांग
प्रभारी सीएमओ अशोक चौहान के थांदला से रवानगी के साथ ही इनके कार्यकाल में हुए कार्यों, खरीदी, निर्माण के साथ, नामांतरण, पद का दुरुपयोग कर जनधन के अपव्यय कर भ्रष्ट्राचार के आरोप के साथ जांच की मांग की शिकायतों का दौर शुरू हो गया।
आदेश के साथ ही रिलीव कर पद ग्रहण
प्रभारी सीएमओ के पद से हटाने के बुधवार को आदेश जारी होने के साथ ही नवागत सीएमओ भरतसिंह टांक ने जोबट नगर पंचायत से तत्काल रिलीव होकर गुरुवार को थांदला आकर पदभार ग्रहण कर अशोक चौहान को यहां से पेटलावद के रास्ते रवाना कर दिया। इनके जाने पर पार्षदों, कर्मचारियों, सफाईकर्मियों, पत्रकारों ने हर्ष प्रकट कर एक दूसरे को बधाई दी। सोशल मीडिया पर भी जमकर प्रतिक्रियाएं चलती रहीं। इनकी कार्यशैली और व्यवहार का इससे ही पता चलता है कि पेटलावद में पुन: मूल पद पर पदस्थी के आदेश के साथ ही पेटलावद के नागरिकों द्वारा भी सोशल मीडिया पर विरोध स्वरूप प्रतिक्रियाएं शुरू कर दी।