वराहमिहिर की नगरी शिक्षा को मोहताज
कायथा (दिनेश शर्मा)। राजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन से मात्र 23 किलोमीटर दूर ग्राम कायथा को राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक महान ज्योतिषाचार्य एवं गणितज्ञ आचार्य वराहमिहिर की जन्मस्थली का सौभाग्य प्राप्त है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह ग्राम वैसे तो कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है लेकिन इस ग्राम के लोग सड़क, पानी और अपने बच्चों को शिक्षा के लिए विगत कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।
अति प्राचीन ग्राम कपित्थ नगर कायथा जिसका नाम पुरातात्विक दृष्टि से इतिहास के पन्नों पर दर्ज है इस ग्राम को राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक महान ज्योतिष आचार्य एवं गणितज्ञ श्री वराह मिहिर की जन्मस्थली का सौभाग्य प्राप्त होने के बावजूद आज मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर अपने पिछड़ेपन पर आंसू बहा रहा है वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि वर्षों से अपनी झूठी घोषणाओं के द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों को ठग रहे हैं ।
विगत 4 वर्ष पूर्व क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा महाविद्यालय की सौगात दी गई थी लेकिन आज भी यह महाविद्यालय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की बिल्डिंग में लग रहा है इस महाविद्यालय की अपनी कोई बिल्डिंग नहीं है 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यह महाविद्यालय भवन के लिए तरस रहा है। इस महाविद्यालय से क्षेत्र के लगभग 65 गांव के विद्यार्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है वर्तमान में नगर में यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा सरकार के एक मंत्री द्वारा इस महाविद्यालय को स्वयं के विधानसभा क्षेत्र में हस्तांतरित किए जाने का षड्यंत्र किया जा रहा है इस संबंध में कांग्रेस पार्टी के युवा नेता व जनभागीदारी समिति महाविद्यालय कायथा के सदस्य अखिलेश जैन ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि हम हमारे जनप्रिय विधायक महेश परमार के मार्गदर्शन में ऐसे किसी भी षड्यंत्र का अपनी पूरी क्षमता से जमकर विरोध करेंगे, विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उनके हित में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उनके हित में हर ग्रामीणों को साथ में लेकर इस षड्यंत्र का विरोध करने के लिए तैयार है तथा यदि महाविद्यालय हस्तांतरण का कोई भी कुत्सित प्रयास हुआ तो सरकार इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहें ।