महिला बाल विकास पर्यवेक्षक को चार-चार वर्ष की सजा और 20 हजार रुपए का अर्थदंड

शाजापुर, अग्निपथ। रिश्वतखोर महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक को न्यायालय ने चार-चार वर्ष के कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शाजापुर मनोजकुमार शर्मा द्वारा आरोपी प्रियंका चौहान तत्कालीन पर्यवेक्षक सुपरवाइजर महिला एवं बाल विकास विभाग बड़ौद आगर-मालवा को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 भ्रनिअ 1988 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से तथा धारा 13(1)डी, सहपठित धारा 13(2) भ्रनिअ 1988 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि आवेदिका कमलाबाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्राम खेड़ा नरेला तहसील बड़ोद जिला आगर मालवा से आरोपिया ने 20 रुपए रिश्वत की मांग की थी और कहा था कि यदि वह उसे उक्त रिश्वत नहीं देगी तो आरोपिया आवेदिका को नोटिस देकर उसके खिलाफ कार्रवाई कर नौकरी से हटाकर उसकी सेवा समाप्त करा देगी।

मामले में आवेदिका ने 11 सितंबर 2017 को लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत आवेदन दिया, जिस पर लोकायुक्त उज्जैन ने 14 सितंबर को आंगनवड़ी केंद्र ग्राम बिलिया तहसील बड़ौद में आरोपिया प्रियंका चौहान को रिश्वत की राशि लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया। लोकायुक्त उज्जैन ने प्रकरण में चालान प्रस्तुत किया और अभियेाजन की ओर से गवाह कराए गए। प्रकरण के पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने प्रकरण में मौखिक एवं लिखित तर्क प्रस्तुत किए जिनसे सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपिया को दण्डित किया गया।

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