चिठ्ठी लिखकर कहा- उज्जैन में 460 हेक्टेयर जमीन दो, राजमार्ग का डायवर्शन करो
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार शाम शाही सवारी के दर्शन के लिए उज्जैन आए भाजपा नेता और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने दताना हवाई पट्टी को सुव्यवस्थित एयरपोर्ट के रूप में तब्दील करने की मांग उठी थी।
मंगलवार को सिंधिया ने दिल्ली पहुंचते ही इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान को चिठ्ठी लिखी है। सिंधिया ने शिवराज से उज्जैन में एयरपोर्ट के लिए 200 करोड़ रूपए और जमीन मांगी है। कुल मिलाकर सिंधिया ने उज्जैन में एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार के सामने ऐसी शर्ते रख दी है जो फिलहाल तो पूरी नहीं हो सकती है।
देवासरोड स्थित दताना-मताना हवाई पट्टी पर फिलहाल ट्रेनी विमान ही चलाए जा सकते है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखी चिठ्ठी ट्विटर के जरिए शेयर की। इस चिठ्ठी में उन्होंने राज्य सरकार के सामने ऐसी पेचीदगी वाली शर्ते रख दी है जिनकी वजह से उज्जैन में एयरपोर्ट का ख्वाब दिखाने वालो के चेहरे भी उतर गए है। राज्य सरकार की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि यदि एयरपोर्ट के लिए सिंधिया की शर्तो को मान भी लिया जाए तो इस बात की कोई गारंटी नहीं कि राज्य सरकार को लगाई गई रकम का रिटर्न पूरी तरह से मिल पाएगा।
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने की मांग के आधार पर राज्यसरकार के सामने ऐसी शर्तें रख दी है जो फिलहाल तो मुमकिन होती नहीं दिखाई देती। 200 करोड़ रुपए पूंजी व्यय, एयरपोर्ट की 460 एकड़ और राजमार्ग डायवर्शन की भी सैकडो एकड़ जमीन अधिग्रहित करने की शर्त इतनी पेचिदा है कि प्रदेश की आर्थिक सेहत को देखते हुए आने वाले कुछ सालों में भी इस पर कोई फैसला लिया जाना मुश्किल है।
एयरपोर्ट के लिए सिंधिया की शर्ते
⇒ उज्जैन में हवाई अड्डे के विकास के लिए आपका सहयोग अपेक्षित है, नजदीकी इंदौर एयरपोर्ट उज्जैन से 42 किलोमीटर हवाई दूरी और 55 किलोमीटर सड़क की दूरी पर स्थित है।
⇒उज्जैन में हवाई पट्टी 95 एकड़ जमीन पर है, यहां 13/31 का आयाम 1077 मीटर बाय 23 मीटर है। यह कोड ए (प्रशिक्षण विमान) के लिए उपयुक्त है। यहां 28 बाय 40 का एप्रन उपलब्ध है। आरसीएस उड़ान योजना के तहत उज्जैन हवाई पट्टी के लिए अभी तक कोई बोली प्राप्त नहीं हुई है।
⇒भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा उज्जैन हवाई अड्डे के मास्टर प्लान का अवलोकन किया गया है। यहां एटीआर-72 के परिचालन के लिए फेस-1 में विकास के लिए अतिरिक्त 252 एकड़ और एयरबस-320 विमान परिचालन के लिए फेस-2 में विकास के लिए अतिरिक्त 207 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
⇒इसके अलावा उज्जैन-देवास राजमार्ग और उसके पूर्व में सड़क का डायवर्शन भी जरूरी है। चूंकि उज्जैन हवाई पट्टी राज्यशासन के स्वामित्व में है लिहाजा आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के साथ-साथ 200 करोड़ रूपए के अनुमानित पूंजी व्यय का वहन करे।
– (सीएम शिवराज सिंह को लिखी चिठ्ठी के अंश)