महाकाल मंदिर समिति के लेखापाल का कारनामा : मंदिर समिति का मौन पैदा कर रहा है शंका
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दानदाताओं को लुभाने के लिए मंदिर प्रबंध समिति नित नए प्रयास कर रही है लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने क्यूआर कोड के साथ ही लेखापाल को उसके व्हाट्सएप स्टेटस पर उसका मोबाइल नंबर भी इसके नीचे जारी करने की इजाजत दे दी है जिसके चलते श्रद्धालु लेखापाल के अकाउंट में मोबाइल नंबर के आधार पर सीधे पैसे उसके खातों में भी डाल सकता है।
आखिरकार इतनी बड़ी गलती करने की इजाजत मंदिर प्रबंध समिति ने लेखापाल को कैसे दे दी । मामले की शिकायत कलेक्टर से की जाने वाली है। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति लेखापाल विपिन एरन ने अपने स्टेटस पर बैंक ऑफ इंडिया का क्यूआर कोड लगाया है । जिसमें उसका मोबाइल नंबर भी क्यूआर कोड के नीचे दिखाया जा रहा है । ऐसे में श्रद्धालु के मोबाइल का यदि स्केनर खराब हो अथवा वह सीधे गूगल पे अथवा फोन पे के सहारे मोबाइल नंबर पर पैसे डालता है तो वह सीधे महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के खाते की जगह लेखापाल के अकाउंट में पहुंचेगा।
ऐसे में मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लेखापाल को अपना मोबाइल नंबर क्यूआर कोड के नीचे जारी करने की इजाजत आखिर कैसे दे दी गई यह भी जांच का विषय है क्योंकि आधुनिकता के इस दौर में ऑनलाइन पेमेंट के नित नए तरीके अपनाए जा रहे हैं जिसमें सामने वाले का मोबाइल नंबर पर सीधे ही व्यक्ति पैसे भी डाल सकता है । ऐसे में यह मामला काफी बड़ा है जिसमें लेखापाल ने क्यूआर कोड के नीचे अपना मोबाइल नंबर जारी कर श्रद्धालुओं को दान करने के लिए सहूलियत प्रदान की है।
दरअसल श्रद्धालु धोखे में यदि बिना क्यूआर कोड स्कैन किए पैसे डालने जाएगा तो वहां सीधे मोबाइल नंबर के सहारे लेखापाल के अकाउंट में पहुंचेंगे। आखिरकार इतनी बड़ी गलती मंदिर प्रबंध समिति कैसे कर रही है, जबकि प्रशासक सोजान सिंह रावत ने कार्यभार संभाल लिया है और वह ऐसी सभी आधुनिक व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं ।
स्टेटस पर डालने की किसने दी इजाजत
महाकालेश्वर मंदिर में लेखापाल का कार्य वित्तीय लेनदेन का रहता है लेकिन दान लेने अथवा देने का काम दूसरे अधिकारियों के हाथ में है । ऐसे में लेखापाल ने आखिरकार किसकी इजाजत से क्यूआर कोड और अपना मोबाइल नंबर स्टेटस पर चस्पा किया है । यह जांच का विषय है। जानकारी में आया है कि इस बात की शिकायत कलेक्टर आशीष सिंह को भी की जाने वाली है वही मंदिर प्रबंध समिति को भी विभागीय जांच बैठा कर लेखापाल से पूछताछ करनी चाहिए कि आखिरकार उसने किसकी इजाजत से अपने स्टेटस पर क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर चस्पा किया है ।
नए अन्न क्षेत्र के सामने से प्रवेश शुरू
सावन भादौ मास निकल चुका है और अब भगवान की शाही सवारी भी निकल चुकी है , लिहाजा मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही उतनी नहीं रह गई है जितने की इन महीनों में थी, लिहाजा नवागत मंदिर प्रशासक के निर्देश पर ऑनलाइन बुकिंग वाले श्रद्धालुओं को हरसिद्धि चौराहे की जगह विश्वात्मा नंद अन्न क्षेत्र के सामने के चौराहे से श्रद्धालुओं को प्रवेश देना शुरू कर दिया गया है । यह व्यवस्था बुधवार सुबह से लागू की गई है ।
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