मंत्री यादव की जिद से एक लाख लोगों का 81 करोड़ रुपए की जमा पूंजी खतरे में : चंदेल

उज्जैन, अग्निपथ। परस्पर सहकारी बैंक से जुड़े एक लाख से ज्यादा लोगों की 81 करोड़ की पूंजी को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की जिद और हठधर्मिता की वजह से खतरे में आ गई है। क्योंकि मंत्री मोहन यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सहकारिता मंत्री अरविंद भदोरिया से बैंक के चुनाव की प्रक्रिया को बीच में रुकवा दिया है। चुनाव अधिकारी का तबादला करवा दिया है। मंत्री भदोरिया ने नियमों को ताक पर रखकर अफसरों को चुनाव कार्यक्रम घोषित करने से रोक दिया है।

यह आरोप उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक के संचालक अनिल सिंह चंदेल ने पत्रकारवार्ता के दौरान लगाए। उन्होंने कहा कि मोहन यादव की उनसे दुश्मनी हो सकती है, वे इसे निभाएं। परन्तु बैंक के 21 हजार खातेधारकों और उससे जुड़े करीब एक लाख लोगों की 81 करोड़ की जमा पूंजी को खतरे में न डाले। अपनी पैनल बनाकर उतारे और जीतकर बैंक का संचालन करें। इससे नियमों का पालन होगा और लोगों की जमा पूंजी सुरक्षित रहेगी, क्योंकि जिस भी सहकारी बैंक में अफसर बैठे हैं उसका क्या हश्र हुआ है। यह किसी से छिपा नहीं है।

प्रमुख बातें

  • उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक के चुनाव रोकने के लिए लिए मंत्री मोहन यादव ने सहकारिता मंत्री पर बनाया दबाव
  • उज्जैन उत्तर विधायक और सांसद की सिफारिश भी सहकारिता मंत्री भदोरिया ने की अमान्य
  • सहकारिता मंत्री ने नियमों की अनदेखी कर परस्पर सहकारी बैंक के चुनाव रुकवाये
  • चंदेल की चुनौैती-उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव बैंक के चुनाव में अपनी पैनल उतारे और जीतकर संचालन करें

उन्होंने कहा कि मंत्री पर जो आरोप वे लगा रहे हैं इसके दस्तावेज उनके पास हैं। वे अगली बार पत्रकारों से चर्चा में इन आरोपों के सबूत भी पेश कर देंगे। उन्होंने कहा कि वे मंत्री बैंक के मामले को लेकर उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन और फिर सांसद अनिल फिरोजिया से मिल चुके हैं। दोनों ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए मंत्री भदोरिया से चर्चा की थी। मंत्री भदोरिया ने पहली बार में उन्हें चुनाव कराने का आश्वासन संस्था के संचालकों के सामने दिया था।

दूसरी बार साफ तौर पर कह दिया कि मंत्री मोहन यादव उनके दोस्त हैं और उन्होंने चुनाव नहीं कराने का आग्रह किया है। इसलिए नियमों को ताक पर रखकर मैं चुनाव नहीं होने दूंगा। पत्रकारवार्ता में संचालक हरदयाल सिंह ठाकुर, दिनेश प्रताप सिंह बैस, रामसिंह सांखला, अजय शंकर जोशी, एनएन शर्मा, पुरुषोत्तम, गीता रामी, बैंक प्रतिनिधि हिमांशु जोशी, मोतीलाल श्रीवास्तव मौजूद थे।

मेहनतकश, गरीबों की पूंजी

संचालक चंदेल ने बताया कि हम सब संचालक 15 से 18 घंटे बैंक के लिए काम करते हैं। क्योंकि मेहनतकश और गरीबों का पैसा बैंक में जमा है। अफसर के बैठने पर इस जमा पूंजी का क्या हश्र होगा यह कह नहीं सकते हैं। हमने मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी लोगों मंत्री मोहन यादव के हस्तक्षेप की शिकायत की है। कानूनी तौर पर हम सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी कर रहे हैं। बैंक के लोगों के लिए आखिरी पल तक सघर्ष करेंगे।

अनिल चंदेल मंत्री के दर पर नहीं झुकाएगा शीश

संचालक अनिल चंदेल ने कहा कि वे कानूनी और नियमों के तहत काम कर रहे हैं। आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे। परन्तु मंत्री मोहन यादव अपने सत्ता के प्रभाव में पूरे शहर में प्रभुत्व जमाकर बैंक को हथियाना चाहते हैं। उनके दरवाजे पर अनिल चंदेल शीश झुकाने नहीं जाएगा। मंत्री चुनाव लड़क़र बैंक मेें अपना बोर्ड बनाए और उसका संचालन करें।

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