पुष्पा मिशन हॉस्पीटल में भी लापरवाही, पूर्व सरपंच ने थाने में शिकायत की
उज्जैन,अग्निपथ। कमीशनखोरी के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ का इससे बड़ा उदाहरण नहीं मिलेगा। हुआ यूं कि फ्रीगंज के एक डाक्टर ने छह माह के बच्चे की निजी लेब से जांच करवाई। बी निगेटिव ब्लड रिपोर्ट आने पर पुष्पा मिशन से मंगवाया और बिना जांच चढ़ा दिया। हालत बिगडऩे पर दूसरी बार पॉजीटिव रिपोर्ट आने पर वह भी चढ़ा दिया। बावजूद बच्चे की स्थिति बिगड़ती देख परिजनों ने माधवनगर हॉस्पीटल में जांच करवाई और धांधली सामने आने पर गुरुवार को माधवनगर थाने में शिकायत दर्ज कर दी।
ग्राम गोंदिया निवासी पूर्व सरपंच मदनलाल तिलोदिया ने छह माह के पोते शौर्य को बीमार होने पर 6 सितंबर को फ्रीगंज स्थित क्लीनिक पर चाईल्ड विशेषज्ञ डॉ. रवि राठौर को दिखाया। उनके दबाव बनाने पर एसएस हॉस्पीटल के पीछे स्थित सुपर स्पेशलिटी लेब्रोरेटरी में जांच करवाई, जिसमें ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव आया।
रिपोर्ट देख डॉ. राठौर ने डेंगू बताते हुए पाटीदार हॉस्पीटल में भर्ती करवा कर दो यूनिट ब्लड मंगवाया। पुष्पा मिशन हॉस्पिटल ने बिना सेंपल देख परिजनों को ब्लड दिया जो शौर्य को चढ़ा दिया गया। इससे हालत बिगडऩे पर पाटीदार हॉस्पीटल लेब में जांच की तो ब्लड रिपोर्ट बी निगेटिव आई। फिर पुष्पा मिशन से दो यूनिट ब्लड लाकर शौर्य को चढ़ा दिया। बावजूद हालत खराब होने पर गुरुवार को परिजनों ने माधवनगर अस्पताल में जांच करवाई। पता चला शौर्य का ब्लड ग्रुप बी निगेटिव है और दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से उसकी हालत खराब हुई है। नतीजतन तिलोदिया ने दोनों हॉस्पीटल, लेब्रोरेटरी व डाक्टर राठौर के खिलाफ थाने में आवेदन दे दिया।
गलती पकड़ाते ही जोड़े हाथ-पैर
माधवनगर अस्पताल से सही रिपोर्ट मिलने और गलत ब्लड चढ़ाने के घातक असर का पता चलते ही तिलोदिया ने डा. राठौर, पाटीदार हॉस्पीटल व लेब्रोरेटरी संचालक को फोन किया। गलती का पता चलते ही जिम्मेदार हाथ-पैर जोडक़र बच्चे का मुफ्त में इलाज करने और राशि वापस लौटाने की गुहार लगाने लग गए। इस सबंध में डॉ. राठौर से चर्चा का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
किसने क्या गलती की
- डॉ.राठौर ने दबाव बनाकर तय लेब्रोरेटरी में जांच के लिए भेजा।
- पुष्पा मिशन ने बिना सेंपल की जांच के ब्लड दे दिया।
- पाटीदार हॉस्पीटल में बिना जांच के ब्लड चढ़ा दिया।
यह हो सकता असर
इस संबंध में माधवनगर अस्पताल में पदस्थ डॉ. एचपी सोनानिया से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गलत दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ाने पर मरीज पर एनपाफाईलेटिक रिएक्शन हो सकता है। मतलब वह शॉक में जा सकता है।