उज्जैन। शादी के बाद आपसी विवाद इतना बढ़ा की पति-पत्नी 2 साल से अलग रह रहे थे। शनिवार को आयोजित हुई लोक अदालत में मजिस्ट्रेट ने दोनों को समझाया, एक दूसरे के गिले-शिकवे दूर करवाए। दोनेां फिर साथ आए, एक दूसरे का हाथ थामा और जिंदगी में साथ आगे बढऩे का फैसला किया। यह पल इतना भावुक था कि महिला की आंखो से तो आंसू निकल आए।
गांधीनगर में रहने वाली शबीना निकाह आगर रोड पर रहने वाले इकबाल अंसारी के साथ 16 अप्रैल 2009 को मुस्लिम विधि के अनुसार निकाह हुआ था । इकबाल से सबीना को दो संताने उजेब और इमरान हुए। दोनों में वैचारिक मतभेद के कारण 24 अक्टूबर 2019 से दोनों अलग हो गए थे। सबीना ने इकबाल के विरुद्ध भरण पोषण का केस लगाया हुआ था, यह केस विचाराधीन था।
11 सितंबर की लोक अदालत में दी गई समझाइश के आधार पर दोनों ने फिर साथ रहना स्वीकार किया। समझौते के आधार पर इस प्रकरण का निराकरण किया गया। इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.पी. सिंह, वकील हरदयाल सिंह ठाकुर आदि ने उनके फैसले की सराहना की।
ढाई करोड़ से ज्यादा के क्लेम पास
नेशनल लोक अदालत में ढाई करोड़ से ज्यादा का मुआवजा अदालत ने पीडि़तों को दिलाया है। बिजली वितरण कंपनी, नगर निगम सहित अन्य विभागों के अनेक प्रकरणों में समझौता हुआ है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लोक अदालत के माध्यम से शनिवार को एक ही दिन में 15 लाख 95 हजार 397 रूपए नकद और 2 लाख 22 हजार रूपए की रकम चेक के जरिए प्राप्त हुई है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.पी. सिंह ने बताया कि लोक अदालत में दुर्घटना बीमा के मामले में एक करोड़ से ज्यादा के क्लेम पास किए गए है। एक प्रकरण में बांगरोद में रहने वाले रमेश चंद्र से जुड़ा था। वे रेलवे में गेटमैन थे, उनकी मौत एक वाहन दुर्घटना में हो गई थी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान गेटमैन के परिवार को 60 लाख रूपए मुआवजा देने के आदेश कोर्ट ने दिया है।
इसी तरह से पराग शर्मा असिस्टेंट मैनेजर डीसीबी बैंक मामले में कोर्ट ने 40 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं । पराग की नागदा से महिदपुर आते समय सडक़ हादसे में मौत हो गई थी। सिंह ने बताया कि एक जमीन मामले में भी समझौता कराया गया है।