उज्जैन, अग्निपथ। गांवो में रहने वाले परिवारों को अपने मकान बनाने के लिए नक्शे संबंधी परेशानी का हल अब ड्रोन के जरिए निकाला जा रहा है। जिले के हर गांव में ग्राम आबादी की जमीन का ड्रोन सर्वे शुरू किया गया है।
ड्रोन गांव की सीमा तय करेगा, सर्वे से प्रत्येक घर का नक्शा तैयार हो जाएगा। इस काम के लिए शासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए 11 से 12 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया है।
ड्रोन सर्वे के जरिए गांव की सीमा तय की जाएगी साथ ही राजस्व रिकार्ड भी अपडेट कर लिया जाएगा। पहले चरण में ड्रोन सर्वे के लिए उज्जैन तहसील के 124 गांवो का चयन किया गया है। सोमवार को चिंतामण क्षेत्र के उमरिया खालसा और अजराना गांव में राजस्व, जिला पंचायत और सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने ड्रोन उड़ाकर राजस्व रिकार्ड को अपडेट करने का प्रयोग किया। जिले में यह काम लगातार 6 महीने तक चलेगा। अकेले उज्जैन तहसील के गांवो में ही सर्वे पूरा करने में एक महीने से ज्यादा समय लग जाएगा।
ऐसे होगा आबादी का सर्वे
- गांवों में जाकर पंचायत और राजस्व कर्मचारी चूने की लाइन डालकर प्रत्येक मकान व ग्राम आबादी क्षेत्र की सीमा की मार्किंग करेंगे।
- इसी मार्किंग को ड्रोन के जरिए कैप्चर किया जाएगा। ड्रोन कैप्चर किए हुए डाटा को अक्षांश-देशांत और वर्ग मीटर के मान से कंप्यूटर को डाटा ट्रांसफर कर देगा।
- ड्रोन से मिले हुए डाटा के साथ ही पंचायत के कर्मचारी प्रत्येक संपत्ति, उसके मालिक के आधार नंबर, संपत्ति दस्तावेज आदि की जानकारी संग्रहित करेंगे।
- ड्रोन से मिले डाटा, संपत्ति की भौतिक जानकारी के आधार पर सर्वे ऑफ इंडिया की टीम प्रत्येक गांव की सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा। इस सर्वे रिपोर्ट का पटवारी दोबारा भौतिक परीक्षण करेंगे।
- सहायक सर्वेक्षण अधिकारी की हैसियत से क्षेत्रीय तहसीलदार सर्वे रिपोर्ट और पटवारी रिपोर्ट पर दावे-आपत्ति आमंत्रित करेंगे, इनकी सुनवाई होगी।
- दावे आपत्तियों का निराकरण करने के बाद सर्वे ऑफ इंडिया प्रत्येक गांव में प्रत्येक घर की सीमा और वर्तमान भौगोलिक स्थिति की अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
सर्वे से होंगे ये फायदे
- वर्तमान में गांवो में आबादी क्षेत्र की स्थिति ही साफ नहीं है, सर्वे पूरा होने से गांव की बसाहट व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। गांवो का भी मास्टर प्लॉन बन सकेगा।
- अब तक गांवो में बने घरों के मालिकों के पास अपनी संपत्ति के दस्तावेज नहीं होते थे, नगर निगम के पास शहरों में जिस तरह हर वर्गमीटर का मकान का हिसाब होता है ठीक वैसा ही हिसाब पंचायत के पास भी होगा।
- गांवो में रहने वाले परिवारों को केंद्र सरकार की योजना के अनुसार संपत्ति अधिकार पत्र सौंपे जा सकेंगे।
- नगर निगम की ही तर्ज पर गांवो में पंचायतें प्रति वर्ग मीटर, कच्चा व पक्का निर्माण के आधार पर संपत्तिकर की वसूली कर सकेंगी। पंचायत की आय भी बढ़ेगी। फिलहाल गांवो में कर वसूला तो जाता है, लेकिन संपत्ति की वास्तविक जानकारी पंचायत के पास मौजूद नहीं रहती है।
इनका कहना
जिले में लगभग 1100 गांवो में आबादी क्षेत्र का सर्वे किया जाना है। इस काम को पूरा करने में कम से कम 6 महीने लगेंगे। पहले दिन दो गांवो का सर्वे किया गया है। – प्रीति चौहान, अधीक्षक भू-अभिलेख