उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर की ऑनलाइन भस्मारती अनुमति कराने वाले कई श्रद्धालुओं को तकनीकी या अन्य किसी कारणों से अनुमति नहीं मिल पाई है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा उनकी राशि वापस करने के लिए ईमेल एड्रेस तो जारी किया गया है। लेकिन श्रद्धालुओं के अकाउंट में पैसे नहीं पहुंच रहे हैं। व्यवस्था इस तरह की बनी हुई है कि महीनों बाद श्रद्धालुओं की राशि वापस मिल पाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने मेल ऐड्रेस जारी किया है। इस एड्रेस पर श्रद्धालु को बैंक अकाउंट और कुछ जानकारी मेल कर भेजने को कहा गया है। लेकिन कई श्रद्धालु प्रतिदिन महाकालेश्वर मंदिर स्थित जनरल भस्मारती काउंटर के लगातार चक्कर लगाकर वहां बैठे कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं और भस्म आरती के लिए दी गई राशि को वापस देने की मांग कर रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु जनरल भस्मारती काउंटर और हरी फाटक इससे प्रोटोकॉल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उनके पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। श्रद्धालुओं का तो यहां तक कहना है कि उनको अपने पैसे वापस नहीं चाहिए। केवल एक बार उनकी भस्मारती अनुमति मंदिर प्रबंध समिति करा दे तो अच्छा रहेगा।
ज्ञातव्य रहे कि देशभर के श्रद्धालु महाकाल की भस्मारती करने के लिए ऑनलाइन अनुमति ले रहे हैं। कई श्रद्धालुओं के खाते से पैसे कटने और उन्हें अनुमति नहीं मिलने की शिकायतें सामने आई थीं। जिसके चलते मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने ऐसे श्रद्धालुओं की राशि वापस करने का आश्वासन दिया था। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ऐसे हो रहे श्रद्धालु परेशान
मामला नंबर-1. जनरल भस्मारती काउंटर पर सोमवार को इंदौर निवासी ऋषभ पहुंचे और वहां मौजूद काउंटर कर्मियों से भस्मारती अनुमति नहीं होने पर पैसा वापस करने की गुजारिश करने लगी। ऋषभ ने बताया कि उसने 12 सितंबर के लिए अपने रिश्तेदार जतिन, रागिनी और आकाश का 300 रुपए ऑनलाइन शुल्क देकर एमपी ऑनलाइन से अनुमति करवाई थी। अनुमति तो नहीं हुई, उल्टा उसके 300 रुपए कट गए। अब एमपी ऑनलाइन वाला पैसे देने से इंकार कर रहा है और उसने इसके सबूत भी अपने मोबाइल पर ऋषभ को दिखा दिए। उसका कहना है कि वह प्रोटोकॉल कार्यालय भी गया था। लेकिन वहां से भी कोई राशि लौटाने संबंधी सही जानकारी नहीं दे पाया। उसने रविवार को पैसे लौटाने के लिए जारी मेल एड्रेस पर भी अपने सारे दस्तावेज भेज दिए। लेकिन इसके बावजूद उसके पैसे वापस नहीं मिल पाए। अब उसको वापस इंदौर जाना है।
मामला नंबर-2.-इसी तरह गुरुग्राम हरियाणा निवासी सुखदेव मिगलानी के द्वारा 9 सितंबर को अपने दो दोस्तों की 26 सितंबर की भस्मारती अनुमति करवाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा था। लेकिन उनके पैसे तो कट गए और अनुमति भी नहीं मिल पाई। उन्होंने रविवार को फिर से स्वयं की 26 सितंबर की अनुमति कराने की कोशिश की। लेकिन पैसे तो कट गए। अनुमति नहीं मिल पाई।
उनका कहना है कि व्हाट्सएप पर मंदिर प्रशासक से भस्मारती अनुमति करवाने की गुजारिश की गई थी। लेकिन उन्होंने केवल इतना ही कहा कि-हो जाएगा। ऐसे में उनको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। उनको पैसे वापस नहीं चाहिए। 26 सितंबर की उनकी रेलवे टिकट की बुकिंग हो चुकी है। जिसमें हजारों रुपए खर्च हो चुके हैं। ं
इसी तरह की परेशानी ठाणे निवासी अरविंद पाल की भी है। जिनके पैसे तो कट गए लेकिन भस्मारती अनुमति नहीं हो पाई। शुभम नाम के व्यक्ति की तो सात बार बुकिंग कराने पर 700 रुपए कट गए। ऐसे हजारों श्रद्धालु हंै जिनके पैसे तो कट गए। लेकिन वापस नहीं मिल पाए।
महीनों लग जायेंगे राशि वापस करने में
मंदिर प्रबंध समिति ने इस मेल एड्रेस office@mahakaleshwar.nic.in पर अपनी जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर, दर्शन तारीख, ट्रांजैक्शन आईडी, ट्रांजैक्शन रेफरेंस नंबर, पेमेंट मोड, बैंक का नाम व ब्रांच का नाम जिससे राशि भेजी है जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड व वॉलेट आदि से कितनी राशि भेजी। इसकी पूरी जानकारी भेजने के बाद आईटी शाखा इसकी जांच कर पुष्टिकर राशि भेजेगी। जिसमें महीनों लग जायेंगे।
रिटर्न जवाब नहीं दे रहे
श्रद्धालुओं के आनलाइन अनुमति नहीं होने के बावजूद पैसे कटने पर उनके द्वारा पूछे जाने पर मंदिर की ओर से इसका जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। जिससे श्रद्धालु अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। मंदिर की आईटी शाखा की चाल इतनी धीमी है कि श्रद्धालुओं तक राशि वापस पहुंचने में महीनों लग जाएंगे। ऐसे में मंदिर प्रशासन को उन श्रद्धालुओं को जवाब तो देना चाहिए जिससे उनका ऐसा लगे कि बाद में ही सही उनकी राशि वापस उनको मिल जाएगी।