जावरा, अग्निपथ। मंदसौर जहरीली शराब कांड में हुई कई लोगों कि मौत के बाद प्रशासन द्वारा सक्रियता दिखाते हुए कुछ समय तक तो अवैध शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसकी वजह से शराब माफिया में भी खौफ बैठ गया था। लेकिन समय बीतने के साथ ही एक बार फिर शराब माफिया सक्रिय हो गए हैं।
आबकारी विभाग की मिलीभगत और पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण अवैध शराब का कारोबार शुरू हो गया है। जगह-जगह बिक रही अवैध शराब की वजह से युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। कई परिवार बर्बाद हो चुके है तो कई लोग असमय मौत के मुंह में समा चुके है। क्षेत्र के रहवासी ग्रामीण इलाकों में डायरी पर उपलब्ध शराब पर नकेल कसने की उम्मीद प्रशासन की कार्रवाई के बाद लगा चुकी लेकिन वह भी फिर खत्म होती दिख रही है।
बड़ावदा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में इन दिनों खुलेआम अवैध शराब विकरय हो रही है। जिसके बाद भी कार्यवाही नहीं होना तो यही दर्शाता है कि सब कुछ मिलीभगत की वजह से हो रहा है। यहां तक कि कई ढाबों पर भी खुलेआम बगैर लायसेंस शराब परोसी जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि अवैध शराब के इन अड्डों तक वैध शराब दुकानों के कर्मचारी ही अपने वाहनों से शराब पहुंचा रहे हैं। जिन्हे आसानी से आते जाते देखा जा सकता है। जिसके बाद भी कार्यवाही नहीं होना आमजन कि समझ से परे है।
अवैध अड्डों पर हर समय उपलब्ध
नियमानुसार शराब की लायसेंसी दुकानों को खोलने और बन्द करने का समय निर्धारित रहता है किन्तु अवैध शराब दुकानों से हर समय शराब मिल जाती है। आबकारी विभाग की मिलीभगत और पुलिस कि अनदेखी के कारण जगह-जगह बिकने वाली अवैध शराब के कारण दिनों दिन अपराधों का ग्राफ भी बड़ता जा रहा है। जब जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में गौरव तिवारी ने कार्यभार संभाला था तब अवैध शराब माफियाओं में इस कदर डर बैठ गया था कि जिले में अवैध तरीके से बिकने वाली शराब तकरीबन पूर्ण रूप से बन्द हो गई थी। लेकिन इन दिनों गांव-गांव में अवैध शराब बिक रही है। देश भक्ति और जन सेवा की बात करने वालों को आखिर ऐसा क्या हो गया है कि जिसके कारण शराब माफियाओं के पर नहीं काट पा रहे है। जो भी हो परेशान जनता को ईमानदार अधिकारी का आज भी इंतजार है।