उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में अपर आयुक्त वित्त का पद उलझन में आ गया है। उज्जैन नगर निगम से बिदाई से ठीक पहले आयुक्त क्षितिज सिंघल ने अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ को भी नगर निगम से रीलिव कर दिया था। नए आयुक्त ने भी उनसे कह दिया है कि रीलिव आदेश को शासन स्तर पर ही निरस्त कराया जा सकता है। लिहाजा जब तक शासन से स्पष्ट आदेश जारी नहीं होते गणेश धाकड़ की अपर आयुक्त वित्त पद पर नियुक्ति संशय की स्थिति में रहेगी।
गणेश धाकड़ को दो दिन पहले ही संस्कृति विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर समिति में प्रशासक का चार्ज सौंपा है। उनका मूल पद निगम में अपर आयुक्त वित्त का है। इसी मूल पद से क्षितिज सिंघल ने उन्हें रीलिव कर दिया। विशेष बात यह है कि बतौर मंदिर समिति प्रशासक गणेश धाकड़ का वेतन कहां से जारी होगा, इसको लेकर भी संशय की स्थिति बन गई है। महाकालेश्वर मंदिर समिति से प्रशासक का वेतन जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। नगर निगम से वे रीलिव किए जा चुके है।
ऐसे में यदि क्षितिज सिंघल द्वारा जारी किए गए रीलिव आदेश को शून्य घोषित करवाना है तो इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही आदेशित कर सकते है। बुधवार को नगर निगम में अपर आयुक्त वित्त का पद अपर आयुक्त राधेश्याम मंडलोई को दिए जाने की भी तैयारी की गई लेकिन इस प्रक्रिया को रोक दिया गया।