चरक के बाहर फिर लग गए ठेले-गुमटी, दो दिन पहले ही निगम अमले ने किये थे जब्त

मुख्य द्वार पर जाम की स्थिति

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के अमले ने पिछले गुरुवार को 3 माह में दूसरी बार कार्रवाई करते हुए चरक अस्पताल के बाहर से अतिक्रमण करने वालों के ठेले और गुमटियांं जब्त की थीं। लेकिन दूसरे ही दिन फिर से अस्पताल के मुख्य द्वार के आसपास ठेले और गुमटियां फिर से लग गईं। रात में यहां पर अवैध गतिविधियां भी संचालित रहती हैं।

चरक अस्पताल के मुख्य द्वार के बाहर अवैध रूप से चाय के ठेले और गुमटियांं लगाई जाती हैं। जिसके चलते इमरजेंसी वाहनों को प्रसुताओं को ले जाने में परेशानी आती है। कभी कभार तो प्रसुताओं की प्रसूति वाहन में ही होने की संभावना बन जाती है।

इसकी शिकायत कई बार सीएमएचओ, नगर निगम से कर चुके हैं। लेकिन कार्रवाई करने के बाद फिर से ठेले और गुमटियांं लग जाती हैं। विगत 28 जुलाई को नगर निगम के अमले ने चरक अस्पताल के बाहर अवैध रूप से लगे ठेले और गुमटियांं पर कार्रवाई की थी और चेतावनी देकर उनको छोड़ दिया था। लेकिन फिर से ेअतिक्रमण चरक अस्पताल के मुख्य द्वार पर पसर गया था।

एक बार फिर पिछले गुरुवार को दोपहर नगर निगम के अमले ने कार्रवाई करते हुए ठेले और गुमटियांं जब्त करते हुए अतिक्रमणकर्ताओं को चेतावनी दी थी। लेकिन दूसरे ही दिन यहां पर फिर से अवैध ठेले और गुमटियां लग गर्इं।

संक्रमण का खतरा

चरक अस्पताल के मुख्य द्वार पर अतिक्रमण पसरा होने के कारण आवागमन बाधित होने के साथ-साथ लगने वाली भीड़ के चलते संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। ठेला संचालक और उनके कर्मचारी अस्पताल के अंदर तक जाकर चाय और खाद्य सामग्री बेचते हैं। हॉस्पीटल में प्रोटोकाल के तहत बाहर की खाद्य सामग्रियों को बेचे जाने पर प्रतिबंध है।

उसके बावजूद अंदर खाद्य सामग्री बेची जाती है। हर रोज यहां सुबह 6 बजे से ठेले लग जाते हैं और निगम की गैंग के पहुंचने से पहले यहां से हटा लिए जाते हैं। रात्रि में यहां पर बदमाश सक्रिय होकर गांजा आदि पीकर उत्पात मचाते हैं। मामले में नगर निगम के साथ ही पुलिस को भी कार्रवाई कर वैधानिक कार्रवाई करना होगी अन्यथा किसी भी दिन कोई बड़ी घटना यहां पर घटित हो सकती है।

साफ-सुथरी केंटीन फिर भी

चरक अस्पताल के अंदर पीछे की ओर एक केंटीन भी संचालित की जा रही है। जहां पर साफ-सुथरी खाद्य सामग्री बेची जाती है। लेकिन चरक अस्पताल का मुख्य द्वार पास होने के चलते मरीज के परिजन गंदगी भरे ठेले और गुमटियांं से चाय सहित अन्य खाद्य सामग्री खरीद कर ले जाते हैं। जिसके चलते संक्रमण का भय बना रहता है। कैंटीन में साफ सुथरा चाय-नाश्ता और भोजन मरीजों और उनके परिजनों को उपलब्ध करवाया जाता है जो कि तय दरों पर दिया जाता है।

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