जावरा, अग्निपथ। आजादी के 75वें साल में भी ग्रामीण इलाकों में आज भी कई जगह विद्यार्थियों को आवश्यक सुविधाओं से वंंचित रहना पड़ रहा है। क्षेत्र के कालूखेड़ा के शासकीय महाविद्यालय का पहुंच मार्ग बारिश के इन दिनों में विद्यार्थियों के लिए मुसीबत बना है। जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है और अब जब कॉलेज में वापस कक्षाएं आरंभ हो गई हैं यह कच्चा पहुंच मार्ग फिर दिक्कत देगा।
एक तरफ राज्य और केंद्र सरकार शिक्षा को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन दूसरी तरफ कालूखेड़ा में शासकीय महाविद्यालय तक का एक किलोमीटर से भी ज़्यादा लंबा पहुंच मार्ग कच्चा है। जिसके कारण बारिश में यहां पूरी तरह कीचड़ के कारण गाड़ी से जाना तो ठीक पैदल भी चल पाना कठिन होता है। जिस कारण बच्चो को काफ़ी परेशानी का सामना करना इस रास्ते के सुधार को लेकर कई बार विद्यार्थी और कॉलेज के स्टाफ भी प्रशासन को अवगत करा चुके हैं किंतु अभी तक सडक़ नहीं बनी ओर सालों से बच्चें कीचड़ में कॉलेज जाने को मजबूर है।
आश्चर्य तो इस बात का है कि जावरा विधानसभा की राजनीति जहां से शुरू होती है, वही पर ऐसे हाल हैं तो आगे बच्चें क्या उम्मीद रखेंगे। कालूखेड़ा से कॉलेज की दूरी ज्यादा है। जहां से हर रोज बच्चे पैदल 1 किलोमीटर से अधिक दूरी कीचड़ में होते हुए तय करते हैं।
रास्ते में जानवरों का भी डर रहता है। इस सडक़ को बनाने में इतना समय क्यों लग रहा है यह बड़ा सवाल है? क्या जिम्मेदार बच्चें किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आएंगे या फिऱ किसी जहरीले जानवरों के शिकार हो जाएंगे उसके बाद इस रास्ते की सूद लेंगे? जावरा विधानसभा क्षेत्र में यू तो समस्याओं को लेकर अनेकों आंदोलन नेताओं करते देखे गए है किन्तु इस ओर कोई भी नेता या जनप्रतिनिधि ध्यान क्यों नहीं दे रहे है।