उ’जैन, अग्निपथ। डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा डेंगू म‘छरों के उन्मूलन के लिए लगातार दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स‘चाई इससे अलग है। मंगलवार को इंदौर के अस्पताल में चरक अस्पताल की महिला लैब टेक्निशियन की मौत हो गई। एक दिन पहले ही उसकी डेंगू जांच रिपोर्ट पाजीटिव आई थी। महिला को तीन-चार दिन पहले बुखार आने पर माधव नगर के आईसीयू में भर्ती करवाया था, जहां से मंगलवार सुबह इंदौर रैफर किया गया था।
चरक अस्पताल की सेंट्रल लैब में पदस्थ लैब टेक्निशियन अर्चना पति सुनील बनवार उम्र 28 वर्ष निवासी पुष्पाजंलि नगर आगर रोड को तीन-चार दिन पहले अचानक बुखार आ गया था। एक दिन पहले ही उसकी जांच लैब में की गई थी, जहां डेंगू की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। हालत बिगडऩे पर तत्काल माधवनगर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया, जहां मंगलवार सुबह उसकी हालत बिगडऩे पर इंदौर रैफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
जहां करती थी काम, उसी लैब से हुई पुष्टि
बताया जाता है कि अर्चना चरक भवन में लैब टेक्निशियन का कार्य करती थी, जब उसे बुखार आया तो चरक अस्पताल की लैब में ही उसने जांच करवाई, जहां डेंगू की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। इसके बाद से परिजनों और स्टॉफ के लोगों ने तत्काल आईसीयू वार्ड माधवनगर में भर्ती करवाया था। मृतका का दो साल का बेटा भी है। लैब के कर्मचारियों ने बताया कि अर्चना शांत स्वाभाव की और काफी मिलनसार थी।
किडनी और लीवर की भी दिक्कत
जानकारी में आया है कि अर्चना बनवार के प्लेटलेट्स काफी कम हो गए थे। चरक सेंट्रल लैब प्रभारी डॉ. भीलवार ने माधव नगर अस्पताल जो रिपोर्ट भेजी थी, उसमें अर्चना के प्लेटलेट्स &2 हजार थे। वह आईटी क्रिटिकल थी। मंगलवार की दोपहर 2.&0 बजे के लगभग उसको माधव नगर अस्पताल से इंदौर एमवाय रैफर किया गया था। उसको किडनी और लीवर की भी दिक्कत थी। वहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
पहले हो चुकी है बालिका की मौत, प्रशासन मानने को तैयार नहीं
विगत 7 सितम्बर को शहर के एक निजी अस्पताल में जांसापुरा निवासी 12 वर्षीय बालिका को तबीयत बिगडऩे पर भर्ती कराया गया था। लेकिन जब उसकी फ्रीगंज स्थित वृद्धि डायग्नोस्टिक सेंटर में डेंगू एनएस-1 एंटीजन जांच कराई गई तो रिपोर्ट डेंगू पाजिटिव आई। मामले को बिगड़ता देखकर अस्पताल ने उसी दिन दोपहर में उस बालिका को इंदौर रैफर किया, लेकिन उसके प्लेटलेट्स कम होने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस तरह से शहर में डेंगू से दो मौत हो चुकी हैं। लेकिन निजी लैब रिपोर्ट को सरकारी मान्यता नहीं होने के कारण इसको डेंगू से मौत में नहीं गिना जा रहा। चरक अस्पताल की लैब में टेस्ट करवाने के बाद ही इसकी अधिकारिक पुष्टि होती है।
इनका कहना है
माधव नगर अस्पताल में भर्ती करते समय वह डेंगू पॉजीटिव थी। उसके प्लेटलेट्स काफी कम थे। उसके किडनी और लीवर में भी दिक्कत थी। इंदौर के उपचार करने वाले डॉक्टर ही इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि उसकी मौत किन कारणों से हुई है। – डॉ. विक्रम रघुवंशी, प्रभारी माधव नगर अस्पताल
पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि उसकी मौत डेंगू से हुई है। – डॉ. एसके अखंड, प्रभारी मलेरिया अधिकारी