सीसीटीवी कैमरे में चेन तोड़ता कैद, रुपए लेने के आरोप में चार अन्य सुरक्षाकर्मियों भी नौकरी से बाहर
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में केएसएस (कृष्णा सिक्युरिटी सर्विसेज प्रालि.) कंपनी द्वारा सुरक्षा का ठेका संभाला जा रहा है। लेकिन सुरक्षाकर्मियों पर कमांड नहीं होने के कारण वे पैसा कमाने के गोरख धंधे में लिप्त हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें क्यूआर (क्विक रिस्पांस) टीम के एक सुरक्षाकर्मी ने श्रद्धालु की गिरी 32 ग्राम सोने की चेन को आधा तोडक़र अपने घर पर रख लिया। जब वहां पर मौजूद इसके साथी ने इस बात की जानकारी कंपनी के एसओ को दी तो सीसीटीवी फुटेज निकाले गए। दैनिक अग्निपथ के पास इसके पुख्ता सबूत हैं।
यह मामला 15 सितंबर का है। जिसमें इसी दिन शाम को गुम हुई एक हीरे की अंगूठी को खोजने के दौरान नंदीहाल में तैनात सुरक्षाकर्मी हरिशंकर केदार को 32 ग्राम सोने की चेन प्राप्त हुई। उसने इसको ले जाकर कंट्रोल रूम में तैनात क्यूआर टीम के सुरक्षाकर्मी हिमांशु परदेसी के पास जमा करवा दी। इस दौरान यहां पर एक और सुरक्षाकर्मी कमल कुशवाहा भी मौजूद था। सोने की चेन को देखकर परदेसी की नीयत बिगड़ी और उसने इसमें से आधी चेन तोडक़र अपने घर ले गया। मामले की जानकारी कमल ने कंपनी के एसओ जितेंद्र चावरे और मंदिर के सुरक्षा प्रभारी दिलीप बामनिया को दी।
सीसीटीवी फुटेज देखे
जानकारी लगने के बाद एसओ और प्रभारी ने मंदिर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिसमें उन्होंने परदेसी को चेन तोड़ता हुआ पाया। मंदिर के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने भी इन सीसीटीवी फुटेज को देखा। दोनों ने जब परदेसी से सख्ती से पूछताछ की और पुलिस में देने का हवाला दिया तो परदेसी ने चेन तोडऩा स्वीकार किया।
15 की घटना और 18 को जब्ती
मामला 15 सितंबर की शाम का है। लेकिन सीसीटीवी फुटेज देखने और चेन को बरामद करने में एसओ और मंदिर प्रभारी को 3 दिन लग गए। 18 सितंबर को उन्होंने सुपरवाइजर जिलेश कश्यप को परदेसी के घर भेज कर आधी सोने के चेन बरामद की। मामले में परदेसी को 15 दिन के लिए घर बैठा दिया गया है। हालांकि उस पर मंदिर की छवि को देखते हुए कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
4 सुरक्षाकर्मियों को नौकरी से निकाला
केएसएस कंपनी के एसओ श्री चावरे ने विगत सोमवार को मंदिर के चार सुरक्षाकर्मी गुमान सिंह, अनिल, सचिन कुमावत और प्रकाश हाड़ा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बताया जाता है कि इन चारों की शिकायत कंपनी की हेड ऋषिका मैडम के पास पहुंची थी। जिसमें इनके द्वारा श्रद्धालुओं को प्रवेश कराने के नाम पर पैसा लेने की शिकायत पाई गई थी। लेकिन जब चारों सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर के प्रभारी श्री बामनिया से सबूत मांगे तो उन्होंने सबूत नहीं होने का हवाला दिया। इसकी शिकायत चारों सुरक्षाकर्मियों द्वारा मंदिर प्रशासक से भी की गई है।
12 और सुरक्षाकर्मियों को करेंगे बाहर
जानकारी में आया है कि श्रद्धालुओं से सुपरवाइजर, क्यूआर टीम कर्मी और सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रवेश कराने के नाम पर पैसा लेने की शिकायत कंपनी की हेड को मिली है। जिसके चलते उक्त लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई आगामी दिनों में की जा सकती है। लगभग 12 सुपरवाइजर, सुरक्षाकर्मी और क्यूआर टीम के लोगों को नौकरी से बाहर निकालने की प्रक्रिया की जा रही है। इनकी जगह उनकी ही कंपनी के सफाईकर्मियों को रखा जाएगा।
पीएफ नहीं काटा जा रहा
केएसएस कंपनी द्वारा मंदिर में सफाई और सुरक्षा का ठेका संभाला जा रहा है। लेकिन दोनों ही व्यवस्थाओं में लगे सफाई और सुरक्षाकर्मी का पीएफ और फंड नहीं काटा जा रहा है। सफाई का तो ठेका संभाले हुए कंपनी को दो साल होने को आए हैं। कई सुरक्षाकर्मियों ने इस बात की शिकायत हमारे संवाददाता से भी की है।
ऑनलाइन देखने पर भी इन सुरक्षाकर्मियों के खाते में पीएफ और फंड का पैसा जमा नहीं हो रहा है। केवल 6 हजार सुरक्षाकर्मी और 7 हजार रुपए सुपरवाइजरों को वेतन दिया जा रहा है। जबकि कलेक्टर रेट से सुरक्षाकर्मी को 7600 और सुपरवाइजर को 8500 रुपए मिलना चाहिएं। जोकि कलेक्टर रेट से काफी कम है। लेकिन मंदिर के अधिकारियों के वरदहस्त के चलते कंपनी को 15 जून से मंदिर की सुरक्षा का ठेका भी दे दिया गया।