व्यापारियों की मनमानी से दुखी हैं किसान
जावरा, अग्निपथ। पिपलौदा मंडी में किसानों को कई तरीके की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है कुछ व्यापारी किसानों की लहसुन खऱीद कर तौल करते हैं तो तुलावटी 30 किलो के हिसाब से कट्टे भरते जबकि एक कट्टे में 40 से 50 किलो लहसुन आ जाती है। लेकिन व्यापारी अपना फायदे के चक्कर में किसानों को नुकसान दे रहे हैं।
व्यापारी किसानों से लहसुन खरीद कर उसका तौल करता है। प्रति कट्टे के तौल की हम्माली 7 रुपये लेते है ऐसे में अगर किसानों की लहसुन अगर व्यापारी 30 किलो ही उनके कट्टे में भरेगा तो कट्टे ज्यादा होंगे। जिसकी हम्माली किसानों को ही देनी पड़ेगी। जिससे किसानों को 4 से 5 क्विंटल लहसुन में ही 100 से 200 रुपये का नुक़सान उठाना पड़ता है। ऐसे में मंडी में रोज सैंकड़ों किसान आते है जिस हिसाब से हर रोज किसानों से हजारों रुपये लूटे जाते हैं।
मंडी कमेटी में शिकायत पर नहीं लेते पैसे
भोले भाले किसान तो जैसा तुलावटी करते और पैसे काटते तो वो कुछ बोलते नहीं। जब कोई किसान इनकी शिकायत लेकर मंडी कमेटी में चला जाए तो फिर उनका पैसा 40 से 45 किलो पर कट्टे की भर्ती के हिसाब से काटती है मतलब साफ है कि किसानों को यह व्यापारी बेवकूफ बना रहे है और अपने फायदे के चक्कर में किसानों को लूट रहे है।
व्यापारी को ऐसे होता है फ़ायदा
व्यापारियों को किसानों का माल लेके आगे पहुंचाना रहता है। इनका माल 30 किलो एक कट्टे में भर के भेजते हैं। जिस कारण यह सीधा किसानों खऱीदते समय ही 30 किलो के हिसाब से लहसुन के कट्टे भरते हैं। अगर यह जब माल किसानों से खऱीद कर 40 से 45 किलो की भर्ती करेंगे। तो इनको फिर 30 किलो के कट्टे भरने पड़ेंगे। जिससे व्यपारियों को फिर हम्माली देनी पड़ेगी। इसलिए यह सीधे किसानों के पैसे में अपना भी काम करवा लेते है।