बडऩगर, अग्निपथ। शासकीय सम्पत्ति आपकी अपनी है, कृपया इसे नुकसान ना पहुंचाएं। इस प्रकार के स्लोगन आमतौर पर हमें पढऩे व सुनने को अक्सर मिलते है। किन्तु इन बातों का शासकीय सम्पत्ति का नुकसान करने वालों व रखवालों पर कितना असर होता है यह किसी से छुपा नहीं है। क्योंकि अधिकांश स्थानों पर न ही संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले मानते हैं और न ही इस संपत्ति के रखवाले गंभीरता से लेते है।
यहां हम बात कर रहे है नगर से कुछ दूरी पर चामला नदी स्थित पुलिया पर लगी रेलिंग की। इसके पाईप दिन-ब-दिन गायब हो रहे है। जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। इस बारे में संबंधित विभाग तक खबरों व अन्य माध्यम से शिकायतें पहुंची हैं। किन्तु विभाग के संबधित अधिकारी है कि शायद किसी जनहानि जैसे गंभीर मामले का इंतजार कर रहे हैं। जबकि इस पुलिया की रेलिंग के बारे मेंं वर्षों से आमजन व जागरूक जन द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से गुहार लगाई जाकर चिंता व्यक्त की जा रही है।
जुगाड़ से चल रहा काम
अग्निपथ द्वारा इस बारे में पूर्व में भी खबरें प्रकाशित की गई है। जिसमें संबंधित विभाग द्वारा करते है, कर रहे है, हो जायगा के झुनझुने सुनने को मिलते है। किन्तु नतीजा अभी तक ढ़ाक के तीन पात वाला ही बना हुआ है। पुलिया पर बनी रेलिंग के पाईप एक-एक कर गायब होते जा रहे हैं। जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता जा रहा है। किन्तु संबंधित विभाग हैं कि इस रेलिंग को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। ऐसे में स्थानीय विभागों द्वारा लोगों की सुरक्षा व जान माल की रक्षा हेतु जुगाड़ कर काम चलाया जा रहा है।
जिसका नजारा बीते दिनों अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के दौरान देखने को मिला। जिसमें जुगाड़ कर कुछ बांस-बल्ली को यहां जैसे तैसे बांधा गया व बैरिकेड लगाए गये। कोई दुर्घटना न हो जाऐ इसके लिए सुरक्षा में पुलिस जवानों को खड़ा किया गया था। इस प्रकार जैस-तैसे अस्थाई रूप से व्यवस्था बना तो दी गई किन्तु इसके बाद इस पुलिया पर दुर्घटना का खुला आमंत्रण जारी है। जिसकी और किसी भी सक्षम अधिकारी का ध्यान नहीं होना शासकीय संपत्ति की सुरक्षा के प्रति लापरवाही को प्रदर्शित करता है।
सेतु निगम के अधिकारी जागेंगे..?
रैलिंग के बारे में स्थानीय पीडब्ल्यूडी विभाग को अवगत कराया जहां के सूत्रों का कहना है कि यह कार्य सेतु निगम के अंतर्गत आता है। जिसके चलते सेतु निगम के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया किन्तु किन्तु उनके द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना समझ से परे है।