भारतीय जनता पार्टी द्वारा शहर के मंडल अध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों की घोषणा कर दी है। यह घोषणा पिछले लंबे समय से ठंडे बस्ते में रखी हुई थी। जिसके चलते अंदर ही अंदर काफी विद्रोह भी पनप रहा था। भारतीय जनता पार्टी ने इस विद्रोह को तो शांत कर ही दिया, साथ ही साथ इस बार युवाओं को भी काफी तवज्जो दी गई है। मंडल अध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों में अधिकांश वह युवा शामिल हैं, जो चालीस वर्ष की उम्र के अंदर ही हैं। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं पर विश्वास दिखाया है वह तारीफे काबिल है। कहीं ना कहीं आने वाले नगरीय निकाय चुनाव पर इसका असर देखने को मिलने वाला है। युवा पदाधिकारी मतदाताओ को घरों से निकालकर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट करवायेंगे, वहीं यह भी हो सकता है कि नगर निगम चुनाव में भी युवाओं को अधिक अवसर मिले। जिस तरह का दृश्य नजर आ रहा है उससे तो यह लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी युवओं को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। अब कांग्रेस के लिए भी यह सोचने का समय है कि वह युवाओं को कैसे अवसर दे, क्योंकि कांग्रेस की लगाम शीर्ष से लेकर स्थानीय स्तर पर बुजुर्गों और थके हुए नेताओं के कंधे पर है।