महिला चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग
शाजापुर, अग्निपथ। मरीजों के साथ लापरवाही बरतने के मामले में सदैव चर्चित जिला अस्पताल में महिला चिकित्सक की लापरवाही का एक और कारनामा सामने आया है। जिस को लेकर गर्भवती महिला के परिजनों ने जिला अस्पताल में शुक्रवार देररात जमकर हंगामा कर दिया। इसके बाद शनिवार सुबह भी समाज के लोगों के साथ परिजनों ने अस्पताल का घेराव कर दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
शीनगर में रहने वाली पूजा पति पवन को 23 सितंबर को शाजापुर जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। पीडि़ता के परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक ने ऑपरेशन करने के लिए 23 तारीख से ही गर्भवती महिला को भूखा-प्यास रखने को कहा। इसके बाद शुक्रवार रात को महिला चिकित्सक ने यह कहकर इंदौर रैफर कर दिया कि पेट में बच्चे की धडक़न सुनाई नहीं दे रही है। इस पर परिजनों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अस्पताल में ही ऑपरेशन करने की बात कही, लेकिन महिला चिकित्सक ने इनकार कर दिया।
इसके बाद जब परिजनों को पता लगा कि पूजा के पेट में ही नवजात की मृत्यु हो गई है तो उन्होंने रात करीब 2 बजे अस्पताल में जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा कर दिया।
हंगामे की खबर लगते ही महिला चिकित्सक ने अस्पताल से जाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल गेट का दरवाजा बंद कर दिया। इधर हंगामे की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश देकर मामला शांत कराया।
धोखे में रखा डॉक्टर ने
महिला चिकित्सक की लापरवाही से नाराज परिजनों ने समाज के लोगों के साथ शनिवार सुबह अस्पताल का घेराव कर दिया। पीडि़त परिवार ने बताया कि यदि समय रहते अस्पताल की महिला चिकित्सक गर्भवती को रैफर कर देतीं तो उसके बच्चे की मौत नही होती, परंतु चिकित्सक ने भरोसे में रखा और देररात अचानक से रैफर का फरमान सुना दिया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में महिला का ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर निकालने से भी मना कर दिया गया, जिसके बाद निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराकर बच्चे को बाहर निकाला गया।
सुबह के समय अस्पताल पहुंचे परिजनों ने अस्पताल का घेराव किया। जब इस बात की जानकारी एसडीओपी दीपा डोडवे को लगी तो वे मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराया। इसके बाद परिजन कलेक्टर कार्र्यालय पहुंचे और यहां दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।