उज्जैन, अग्निपथ। जिस हरिफाटक ब्रिज के समीप से कलेक्टर ने 107 करोड़ मूल्य की जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराया। उस हरिफाटक से 200 मीटर दूर स्थित सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। भू-माफिया ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके पोल गाड़ दिये हैं। प्रशासन की नाक के नीचे यह कब्जा हुआ है।
बात ज्यादा पुरानी नहीं है। 1 सप्ताह पहले ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने टिवट्र पर उज्जैन कलेक्टर आशीषसिंह की तारीफ की थी। हरिफाटक की शासकीय जमीन को भू-माफिया से मुक्त कराने पर। इस जमीन का बाजार मूल्य 107 करोड़ बताया गया और 213 दुकानों को जमींदोज करके भूमि को मुक्त कराया गया था। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि…इसी हरिफाटक से इंदौर रोड जाते समय आने वाली एक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है।
संरक्षण …
प्रशासनिक हल्को में यह चर्चा है कि…इस सरकारी जमीन पर कब्जा कराने में भाजपा के एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि का भू-माफिया को संरक्षण है। उन्हीं के संरक्षण और इशारे पर यह अवैध कब्जा हुआ है। यह जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री के काफी करीबी बताये जाते हैं।
9 आरे पर कब्जा…
जिस शासकीय जमीन पर कब्जा हुआ है। उसका सर्वे नंबर 3686 बताया जा रहा है। कवेलू कारखाने के नाम पर यह जमीन शासकीय रिकार्ड में दर्ज है। कुल 6 बीघा यह सरकारी जमीन है। जिसमें से 50 बाय 200 फीट जमीन पर अवैध रूप से पोल गाडक़र फेंसिंग कर दी गई है। (देखें तस्वीर) लगभग 10 हजार स्के. फीट जमीन कब्जा हुआ है, जो कि करीब 9 आरे बताई जा रही है। बगैर किसी सीमांकन के यह फेंसिंग की गई है। ऐसा हमारे सूत्रों का कहना है।