उज्जैन, अग्निपथ। शहर के मुख्य पेयजल स्त्रोत गंभीर बांध का एक गेट फिर से खोलना पड़ा है। पिछले तीन दिन में पांच बार गंभीर बांध का एक गेट खोला गया है। गंभीर बांध के बाद अब साहेबखेड़ी तालाब से भी खुशखबर आई है। यह तालाब 98 प्रतिशत तक भर चुका है। उंडासा तालाब की स्थिति जरूर कमजोर यह है, यह अब तक आधा ही भर सका है। शहर के आसपास के 30 किलोमीटर के रेडियस में बने 30 तालाबों में आधे पूरी क्षमता से भर चुके है।
जलसंसाधन विभाग की एक रिपोर्ट बताती है कि 10.3 एमसीएम क्षमता वाला साहेबखेड़ी तालाब सोमवार शाम तक की स्थिति में 98.15 प्रतिशत तक भर चुका था। इसी तरह 5.28 एमसीएम क्षमता वाला भैंसाखेड़ी तालाब भी 100 प्रतिशत भर चुका है। 5.78 एमसीएम क्षमता का सिलारखेड़ी तालाब अब तक 34 प्रतिशत ही भर सका है। इसके अलावा 5.23 एमसीएम क्षमता वाला उंडासा तालाब 49.83 प्रतिशत ही भरा है। घट्टिया ब्लॉक में देवीखेड़ा में भी बड़ा तालाब है, इसकी क्षमता 6.29 एमसीएम है, यह भी पूरी तरह से भर चुका है।
खोलने पड़े बामोरा के गेट
घट्टिया सब डिविजन में बामोरा जिले का एकमात्र ऐसा तालाब है जिसे महज 27 प्रतिशत तक ही भरने के बाद इसके गेट खोलने पड़े है। इस तालाब की कैपेसिटी 3.96 मिलीयन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। बामोरा तालाब जिले का एकमात्र ऐसा तालाब है जिसे निमज्जित श्रेणी में डाला गया है, यानि तालाब तो सरकारी है लेकिन इसकी डूब मे आने वाली जमीन निजी है। यहीं वजह है कि महज 10 फीट तक ही तालाब को भरने के बाद इसके गेट खोलने पड़े है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो किसानों की निजी जमीन डूब में आ जाती और उनकी उपज को नुकसान होने लगता।
इनका कहना
कुछ बड़े तालाब अच्छी स्थिति में आ गए है लेकिन 30 में से लगभग 15 तालाब ऐसे है जो आधे भी नहीं भर सके है। ये तालाब पूरे नहीं भरे तो गेंहू के सीजन में सिंचाई में दिक्कतें आएंगी।
– दुलीचंद सुरागे, एसडीओ सिंचाई विभाग