महिलाओं में सिरदर्द और पुरुषों में सांस लेने में दिक्कत सबसे कॉमन
नई दिल्ली। कोविड के 37 फीसदी मरीजों में औसतन कोई न कोई एक लक्षण लम्बे समय तक देखा गया है। इनमें सांस लेने में समस्या, थकान, दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण शामिल हैं। ये लक्षण संक्रमण के 3 से 6 माह बाद मरीजों में देखे गए हैं।
यह दावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च के वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है।
कोविड से रिकवर हुए 2.70 लाख मरीजों पर हुई रिसर्च
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, कोविड से रिकवरी के बाद 2.70 लाख मरीजों में दिखने वाले लक्षणों की जांच की गई। जांच में सामने आया कि इनमें थकान और बेचैनी जैसे लक्षण बेहद कॉमन थे। ऐसे लक्षण उनमें ज्यादा दिख रहे थे जिन्हें कोविड के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। यह लॉन्ग कोविड के लक्षण थे। पुरुषों के मुकाबले लॉन्ग कोविड के लक्षण महिलाओं में ज्यादा कॉमन थे।
महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग दिखे लक्षण
वैज्ञानिकों का कहना है, युवाओं और महिलाओं में सिरदर्द, पेट से जुड़ी समस्या, बेचैनी और डिप्रेशन के मामले देखे गए। वहीं, बुजुर्ग लोगों और पुरुषों में सांस लेने में तकलीफ हुई और सोचने समझने की क्षमता पर बुरा असर पड़ा है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर पॉल हरिसन कहते हैं, कोरोना सर्वाइवर्स में इतनी तरह के लक्षण क्यों दिख रहे हैं, इसे पहचानने और समझने की जरूरत है।
लॉन्ग कोविड के इलाज में मदद करेगी रिसर्च
पॉल के मुताबिक, कोविड के बाद सेहत पर पड़ने वाले असर को समझने और इलाज करने में हमारी रिसर्च के परिणाम मदद करेंगे। इससे भविष्य में लॉन्ग कोविड के असर को जाना जा सकेगा। लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखने की वजह क्या है और ये कितने समय तक दिखते हैं, वैज्ञानिकों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है।
क्या होता है लॉन्ग कोविड?
लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है। आसान भाषा में इसका मतलब है शरीर से वायरस जाने के बाद भी कुछ न कुछ लक्षण दिखते रहना। कोविड-19 के जिन मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, उन्हें महीनों बाद भी समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लंबे समय तक बने रहना ही लॉन्ग कोविड है।