बैंक अधिकारी बन खाते से उड़ाए 1.19 लाख रुपए

उज्जैन,अग्निपथ। कालिदास अकादमी का एक कर्मचारी गुरुवार को साइबर ठगी का शिकार हो गया। शातिर बदमाशों ने बैंक अधिकारी बन खरीदी पर लाभ का लालच देकर ओटीपी लिया और खाते से 1.19 लाख रुपए उड़ा दिए। पीडि़त ने माधवनगर थाने में शिकायत की है।

भार्गवनगर निवासी मुकेश पिता राजकुमार काला (52) कालिदास अकादमी में प्रदर्शनी प्रभारी है। गुरुवार दोपहर अज्ञात बदमाश ने उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हैदराबाद ब्रांच का अधिकारी बन कॉल किया। बताया कि उनके द्वारा क्रेडिट कार्ड से खरीदी करने पर पाईंट बने है जिससे उन्हें लाभ मिलेगा। भरोसा दिलाने के लिए उसने क्रेडिट कार्ड के कामन नंबर बताए। विश्वास होने पर काला ने क्रेडिट कार्ड नंबर के साथ ओटीपी भी बता दिया। नतीजतन उनके खाते से कुछ ही देने में तीन बार में 1.19 लाख रुपए निकल गए। ठगी का एहसास होते ही उन्होंने बैंक में शिकायत कर कार्ड लॉक करवाया फिर थाने में आवेदन देने के बाद राज्य साइबर सेल भी गए। याद रहे इंदिरानगर निवासी शीतल सहगल को भी साइबर ठगों ने 42 हजार की चपत लगाई थी। मामले में 27 सितंबर को चिमनगंज पुलिस ने केस दर्ज किया था।

साइबर ठग ऐसे करते है वारदात
– बैंक अधिकारी बनकर एटीएम कार्ड बंद होने वाला बताकर।
– एटीएम,क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के नाम पर।
– इनाम निकलने या खरीदी के पाईंट से लाभ मिलने का झांसा देकर
– बैंक कभी भी खाते, एटीएम, क्रेडिट कार्ड की जानकारी नहीं मांगता है।

यह कभी न करें
– गुगल से किसी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च न करे। कोई भी कस्टमर केयर मोबाइल जारी नहीं करता। गुगल पर सभी जानकारी पूरी सही नहीं होती।
–  किसी भी लिंक पर क्लिक न करे और लिंक के मैसेज किसी के कहने पर फारवर्ड न करे। किसी के कहने पर कोई एप भी डाउनलोड न करे।
–  पिन कोड हमेशा पेमेंट देने पर इंटर करना होता है,लेने पर नहीं। पेमेंट लेने के लिए कभी भी क्यूआर कोड स्कैन नहीं करना पड़ता।

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