कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने किया तारा मण्डल में उच्च स्तरीय थ्रीडी स्टुडियो का भूमिपूजन
उज्जैन, अग्निपथ। मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत उज्जैन के वसन्त विहार स्थित तारा मण्डल परिसर में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु विधिवत भूमि पूजन हुआ। इस अवसर पर कर्नाटक राज्य के राज्यपाल थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि विज्ञान केन्द्र के बनने से लोगों को ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होगी, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। देश दुनिया में उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है, यह हम सबको ज्ञात है। विज्ञान केन्द्र की स्थापना से विद्यार्थियों की सृजनशीलता विकसित होगी। केन्द्र की स्थापना से जहां एक ओर शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे, वहीं दूसरी ओर जन-समुदाय की विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ेगी तथा जिज्ञासाओं को भी सुलझाने में मदद मिल सकेगी। राज्यपाल श्री गेहलोत ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विज्ञान केन्द्र की स्थापना होगी, यह उज्जैनवासियों के लिये सराहनीय कार्य है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि उज्जयिनी संस्कृति एवं ज्ञान की नगरी होने के साथ-साथ प्राचीनकाल से विज्ञान की नगरी भी मानी जाती रही है। प्राचीनकाल से दुनिया में सबसे पहले समय की शुद्धता की गणना उज्जैन में हुई है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश आगे बढ़ रहा है।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत में एकमात्र प्राचीन नगरी उज्जयिनी में शिक्षा का स्थल रहा है। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की है। पूरी दुनिया में भारत में ही पहली बार समय की गणना हुई है। हमारे इतिहास में विज्ञान से सम्बन्धित बहुत कुछ ज्ञानवर्धक बातें हैं। भारत का विज्ञान बहुत आगे है। उज्जैन में विज्ञान के साथ-साथ अन्य विकास कार्यों का समय-समय पर जरूरतें पूरी की जायेंगी। सपने देखना हमारा काम है और सपने को पूरा करना शासन का काम है। उज्जैन आगे बढ़े, ऐसा हम सबका प्रयास रहेगा।
उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया, मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने भी संबोधित किया। अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम विज्ञान केन्द्र का विधिवत पं.गौरव उपाध्याय के आचार्यत्व में भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। भूमि पूजन के पश्चात शिलालेख का अनावरण किया। कार्यक्रम में अतिथियों ने मप्र विज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी की विवरणिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के अन्त में विभाग द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शाल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। संचालन शैलेंद्र कुमार व्यास ने किया और अन्त में आभार वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.राजेश वर्मा ने प्रकट किया। इस अवसर पर आलोट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक जितेन्द्र गेहलोत, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के निदेशक समनेंद्र कुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.सत्यनारायण जटिया, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, अनिल जैन कालूहेड़ा, वीरेन्द्र कावडिय़ा, विशाल राजौरिया, जगदीश पांचाल, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, यूडीए सीईओ एसएस रावत, एएसपी अमरेंद्र सिंह आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।