ग्वालियर के 9 नर्सिंग कॉलेजों ने जिन अस्पतालों की जानकारी दी थी उनके पंजीयन पहले ही हो चुके थे सस्पेंड
उज्जैन, (प्रबोध पांडेय) अग्निपथ। ग्वालियर जिले में आर्थिक फायदे के चक्कर में नियमों को धता बताकर खुले नर्सिंग कॉलेजों पर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य महकमा सकते में आ गया है। नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता के पहले निरीक्षण करने वाले जांच दल में शामिल 8 सदस्यों जिसमें उज्जैन नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सहित दो सिस्टर ट्यूटर भी शामिल हैं। फर्जी अस्पतालों के आधार पर मान्यता देने के मामले में निलंबित किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अनुशंसा पर स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक (शिकायत) सपना लववंशी ने उक्त जांच दल के सदस्यों को निलंबित किया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार ग्वालियर जिले में 9 नर्सिंग होम का पंजीयन सीएमएचओ द्वारा निरस्त किया गया था। नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों पर अपात्र होने के बावजूद नर्सिंग कॉलेज को जीएनएम कोर्स शुरू करने के लिए जांच दल ने फिट बताया था।
मान्यता हासिल करवाने में निरीक्षण करने वाली टीम के कर्ताधर्ताओं ने इसमें सांठगांठ की। नर्सिंग काउंसिल ने साल 2020-21 में ग्वालियर जिले के 16 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी थी। निरीक्षण करने वाली इस टीम में शामिल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
इन 8 पर गिरी कार्रवाई की गाज
- संगीता तिवारी, प्राचार्य शासकीय नर्सिंग कॉलेज उज्जैन
- मालती लोधी, प्राचार्य रीजनल स्कूल आफ नर्सिंग जबलपुर
- नेहा टाइटस, ट्यूटर शासकीय नर्सिंग कॉलेज उज्जैन
- सुप्रिया विक्टर, सिस्टर ट्यूटर एचएफडब्ल्यू ट्रेनिंग सेंटर धार
- गायत्री पुरोहित, सिस्टर ट्यूटर स्कूल ऑफ नर्सिंग देवास
- सेवंती पटेल, सिस्टर ट्यूटर शासकीय नर्सिंग कॉलेज उज्जैन
- राजकुमारी ठाकुर, सिस्टर ट्यूटर शासकीय नर्सिंग कॉलेज दतिया
- शारदा नागवंशी, सिस्टर ट्यूटर शासकीय नर्सिंग कॉलेज विदिशा
इनका कहना
यह काफी पुराना मामला है। उज्जैन की नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य व दो सिस्टर ट्यूटर को निलंबित किया गया है। निलंबन के आदेश भोपाल से आये थे। – संजय शर्मा, सीएमएचओ उज्जैन