एएसआई-जीएसआई के निर्देश पर नागचंद्रेश्वर मंदिर से लगा प्लेटफार्म हटाने का कार्य शुरू

5-5 फीट के दो टुकड़े काटकर निकाले, मंदिर की निर्माण शाखा कर रही कार्य

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण और मंदिरों के स्तम्भों की आर्कलॉॅजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) और जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआई) की केन्द्रीय टीम जांच करने आई थी। उसने जाते जाते मंदिर प्रशासन को नागचंद्रेश्वर मंदिर से जुड़े लोहे के कॉलम को हटाने के निर्देश प्रदान किए थे। निर्देशों के बाद सोमवार को मंदिर की निर्माण शाखा द्वारा इनको हटाने का कार्य शुरू किया गया। वहीं शाम को प्रवेश को लेकर दानदाता परिवार की महिला और महिला पुलिस कर्मी में विवाद हो गया।

पिछले दिनों शिवलिंग क्षरण को लेकर दोनों विभागों की केन्द्रीय टीमें आई थीं। टीम ने शिवलिंग की लंबाई और गोलाई आदि की धागे से माप की और इसके बाद इस पर चढ़ाए जाने वाले जल और दूध आदि का भी सेंपल लिया था। वहीं मंदिर के स्तम्भों की जांच करने के लिए भी केन्द्रीय जांच दल नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंचा था। यहां पर भी उसने स्तम्भों की मजबूती की जांच की थी।

इसी तारतम्य में उसने नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए लगाए गए लोहे के अस्थाई कॉलम को भी देखा था। इसी कॉलम के उपर सीढिय़ां लगाकर आम श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाते थे। अभी भी यह कॉलम मंदिर से सटकर खड़े हुए थे। केन्द्रीय जांच टीम ने इन कॉलमों को भी हटाने के निर्देश प्रदान किए थे। जिसको लेकर सोमवार को मंदिर के निर्माण शाखा प्रभारी सत्येन्द्र ठाकुर के निर्देशन में कॉलम को हटाने का काम शुरू किया गया।

काटना पड़ रहा 25 फीट लंबे कॉलम को

ओंकारेश्वर मंदिर के बगल से 25 फीट लंबा लोहे का कॉलम लगाया गया था। जोकि नागचंद्रेश्वर मंदिर तक लगा हुआ है। निर्माण शाखा के कर्मचारियों ने इसको काटकर टुकड़ों में निकालना शुरू किया है। सोमवार को 5-5 फीट के लोहे के दो टुकड़े कॉलम में से काटे गए। ज्ञातव्य रहे कि केन्द्रीय जांच दल ओंकारेश्वर मंदिर और नागचंद्रेश्वर मंदिर में लगे स्तम्भों की जांच कर चुका है। वह इनको कमजोर मानकर चल रहा है। इसलिए नागपंचमी पर्व के अवसर पर इस बार भी श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन को प्रतिबंधित कर दिया गया था। स्तम्भों में मजबूती नहीं होने के कारण यह कमजोर माने जा रहे हैं।

दानदाता परिवार की महिला ने पुलिस से किया विवाद

सोमवार की शाम को मंदिर के गेट नंबर-4 पर शहर की निवासी दानदाता परिवार के तीन सदस्यों का प्रवेश को लेकर गेट निरीक्षक से विवाद हो गया। दरअसल दानदाता महिला का देवलोकगमन हो चुका था और उसका दान कार्ड लेकर तीनों प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। दानदाता महिला ने 1.50 लाख रुपए का दान किया था। लेकिन महिला के कार्ड पर तीनों प्रवेश करना चाहते थे। विवाद इतना बढ़ा कि दानदाता परिवार की महिला और महिला पुलिसकर्मी के बीच जमकर धक्का मुक्की के साथ विवाद हो गया।

दानदाता परिवार के तीनों लोग प्रवेश करने को लेकर अड़े रहे। जबकि गेट निरीक्षक का कहना था कि उनका दान कार्ड रिनीव नहीं करवाया गया है और दानदाता महिला उनके साथ नहीं है। इसलिए प्रवेश नहीं दिया जा सकता। जानकारी के अनुसार दान कार्ड से प्रवेश तभी दिया जाता है, जब दानदाता साथ में दर्श को आता है। दानदाता परिवार की महिला कंट्रोल रूम जाकर बैठ गई थी। उसको पुलिस चौकी ले जाया गया।

 

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