संभागीय कार्यशाला में प्रदेश भर के 142 सरकारी और निजी कॉलेज के विद्वान पहुंचे, साइंस कालेज में एक हजार लोगों के लिए ऑडिटोरियम का प्रस्ताव
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार को नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला में संभाग के 142 सरकारी और निजी कॉलेजों से जुड़े 400 से अधिक विद्वानों ने कालिदास अकादमी में चल रही कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला का लाइव प्रसारण प्रदेश के 350 कॉलेजों में किया गया।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा आजादी के बाद दो बार हमारे देश में शिक्षा नीति लागू की गई, किन्तु दोनों ही बार इसके विपरीत परिणाम दिखाई दिए। 2020 में देश में गहन विचार-विमर्श करके हमारी ऋषि परंपरा को प्रकट करने वाली शिक्षा नीति लागू की गई है। कई सुझाव और लंबे चिंतन के बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई है। नई शिक्षा नीति लागू कर मध्य प्रदेश का मॉडल पूरे देश के लिये प्रेरणा बनेगा।
कालिदास अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता सांसद अनिल फिरोजिया ने की। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया बतौर प्रमुख अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रदेश में लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
कार्यशाला में संभाग के महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं के प्रोफेसर्स तथा विद्यार्थी शामिल हुए।
व्यावसायिक शिक्षा, इंटर्नशिप, सामाजिक सेवा और अन्य सम-सामयिक पहलुओं पर व्याख्यान आयोजित किए गए। इस दौरान दिवाकर नातू, अशोक प्रजापत, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडेय, कुल सचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, प्रो. सीजे राजेन्द्र कुमार, विवेक जोशी, एडिशनल डायरेक्टर उच्च शिक्षा विभाग डॉ. आरसी जाटवा, डॉ. वन्दना गुप्ता, डॉ.अर्पण भारद्वाज, डॉ. गोविन्द गंधे तथा उज्जैन संभाग के सातों जिलों के लीड कॉलेज के प्राचार्य एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
मध्य प्रदेश पहला राज्य है जो नई शिक्षा निति लागू कर रहा है और इसी सत्र से इसकी शुरुआत की गई है। प्रदेश भर में 5 लाख एडमिशन हुए जो नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पढ़ाई करेंगे। प्रोफेशनल कोर्स पर ज्यादा फोकस रहेगा ताकि खुद का रोजगार कर सकें। मेजर माइनर कोर्स में नैतिक शिक्षा, योग और रामचरित मानस की शिक्षा दी जाएगी। पहली बार एनसीसी एनएसएस और स्पोर्ट्स सभी विषयों के अंक विद्यार्थियों को मिलेंगे। इससे छात्रों को गुणात्मक और शैक्षणिक व्यक्तित्व को सुधारने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश इसमें मॉडल के रूप में काम करेगा। साइंस कालेज में हजार की संख्या वाला सभा गृह बनेगा। कुछ डिपार्टमेंट बंद होंगे जो पहले बहुत प्रभावी थे और अब उनमे एडमिशन की संख्या न्यूनतम है।