खबर का असर: नित्य दर्शनार्थी वाट्सएप ग्रुप डिलिट किए पर्सनल ग्रुप पर भेजे जा सकेंगे मैसेज

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उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में की जा रही अनियमितताओं को लेकर भले ही मंदिर प्रशासन कोई कार्रवाई के मूड में नहीं हो, लेकिन खबर का असर देखते ही बनता है। मंदिर प्रशासन ने नित्य दर्शनार्थी पंजीयन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन नित्य दर्शनार्थी गु्रुप के आकाओं पर तो दैनिक अग्निपथ की खबर का असर हो रहा है। मंगलवार की सुबह छपी खबर के बाद नित्य दर्शनार्थी ग्रुप के दोनों ग्रुपों को हटा दिया गया। इसकी जगह पर्सनल मैसेज करने को कहा गया है।

दैनिक अग्निपथ ने नित्य दर्शनार्थी भक्त परिवार सदस्यों को लेकर अपनी अपनी अपाित्त दर्ज की थी। जिसमें बताया गया था कि दर्शनार्थियों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि यह वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज की जाना चाहिए। लेकिन मंदिर प्रशासन का शायद दूसरी ओर ध्यान लगा हुआ है। जिसके चलते वह इस ओर ध्यान देने के लिए अपने शब्द व्यक्त करना नहीं चाहता। हालांकि नवागत प्रशासक गणेश कुमार शाकड़ सुलझे हुए प्रशासक मंदिर मंदिर प्रबंध समिति में नियुक्त किए गए हैं। जिसके चलते उनको इस बात की जानकारी नहीं है कि नित्य दर्शनार्थियों की संख्या कितनी थी और कितनी होना चाहिए। उन्होंने इस पर ध्यान नही ंदिया। लिहाजा दर्शनार्थियों की संख्या बढक़र 200 से अधिक होते हुए 1000 से पार हो गई। शहर का भगवान महाकाल के दर्शन को उत्सुक हर व्यक्ति भगवान महाकाल के द्वार पर पहुंच रहा है और अपना पंजीयन करवा रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की संख्या जहां 200 से भी कम होना चाहिए वह पहुंचकर 1000 के पार हो चुकी है।

खौफ: वाट्सएप ग्रुप हटाए

दैनिक अग्निपथ में मंगलवार को प्रकाशित दो वाट्सएप ग्रुप की खबर के बाद नित्य दर्शनार्थी भक्त परिवार के आकाओं ने महिला और पुरुष का वाट्सअप ग्रुप डिलिट कर दिया गया है। इसकी जगह अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के वाट्सएप ग्रुप से जुडक़र सूचना और मैसेज प्राप्त किए जा सकेंगे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नित्य दर्शनार्थियों के पंजीयन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भी प्रभारियों के हाथों की कठपुतली बनकर नाच रहे हैं। केवल नवागत प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ही इनकी गिरफ्त से अछूते बने हुए हैं। यदि यही हाल हुए तो प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो जाएगी। जिसकी जवाबदारी प्रशासक को उठानी पड़ेगी।

पगड़ी काउंटर से बांट रहे कूपन

मंदिर परिसर में स्थित पगड़ी काउंटर को तो बंद कर दिया गया है। लेकिन तीन नंबर काउंटर जिसका संचालन निर्गम गेट के सामने से किया जाता था, उसका संचालन अब मंदिर परिसर से किया जाने लगा है। मंगलवार से यह व्यवस्था लागूू की गई जिसमें काउंटर कर्मी मेडम चौहान ने यहां से अन्नक्षेत्र के कूपन बांटे।

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