श्री महाकालेश्वर के अनन्य भक्त रामायण के रावण नहीं रहे

अंतिम बार 2017 में श्री महाकाल दर्शन को आए थे अरविंद त्रिवेदी

उज्जैन, अग्निपथ। रामानंद सागर के पॉपुलर टीवी शो रामायण में रावण का किरदार निभा चुके एक्टर और पूर्व सांसद अरविंद त्रिवेदी का 5 अक्टूबर की देर रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। अरविंद की उम्र 83 साल थी। बुधवार को त्रिवेदी का मुंबई के कांदिवली वेस्ट स्थित धाणुकरवाडी शमशान में सुबह 9 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया। अरविंद की अंतिम यात्रा में उनके फैमिली मेंबर्स और रामायण शो में उनके साथ काम कर चुके सुनील लहरी, दीपिका चिखलिया, समीर राजदा समेत कई सेलेब्स भी पहुंचे थे।

Arvind trivedi ujjain yatra
अरविंद त्रिवेदी उज्जैन यात्रा में परिचितों से आत्मियता से मिलते थे।

श्री महाकालेश्वर के परम भक्त अरविंद त्रिवेदी का जन्म इंदौर में तथा अध्यापन उज्जैन में हुआ। नाट्य क्षेत्र से जुड़े होने से कर्मभूमि मुंबई रहा, रामानंद सागर के सीरियल में रावण की भूमिका हम लंकेश है वाक्य ने त्रिवेदी को विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित की। अरविंद त्रिवेदी को महाकाल स्त्रोत एवम श्लोक कंठस्थ थे। अंतिम बार श्री महाकाल दर्शन के लिए सितंबर 2017 में उज्जैन आए थे। शिवाजी पार्क के किशन सोनी के निवास पर भव्य स्वागत लंकेश प्रेमियों ने किया था। स्वामी मुस्कराके शैलेंद्र व्यास के पगड़ी म्यूजियम को उन्होंने बहुत पसंद किया था।

‘श्रीराम’ भी दु:खी, बोले-मेरे बेहतरीन मित्र थे

निधन पर राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल दु:खी हैं। पर्दे पर भले ये दोनों किरदार विरोधी थे, मगर असल जिंदगी में दोनों बेहतरीन मित्र थे। अरविंद त्रिवेदी के निधन से दुखी अरुण गोविल ने मीडिया से बातचीत में एक सच्चे मित्र को खोने का दु:ख साझा करते हुए कहा, सबसे अच्छा दोस्त चला गया। अरुण गोविल बोले, सुबह उनके जाने की खबर मिली, बहुत दुखी हूं। 10 दिन पहले हमारी फोन पर बात हुई थी।

तब उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। मैंने उनका हालचाल पूछा। थोड़ा बोल रहे थे। उस दिन उनकी बात से मुझे ऐसा लगा कि उन्हें शायद अपने अंतिम क्षणों का आभास हो चुका था। आज ये दुख की खबर आ गई। अरुण कहते हैं, अरविंद जी भले रावण के किरदार में रहे, मगर जीवन सादा और सच्चा और धार्मिक ही रहा। उनके जितना अच्छा और पॉजिटिव इंसान हो ही नहीं सकता।

अगर हम किसी इंसान में कमी निकालने की बात करें तो अरविंद त्रिवेदी वो व्यक्ति थे जिसमें कोई कमी निकाल नहीं सकते। शो की शूटिंग के दौरान हमने देखा उन्हें रामायण के काफी प्रसंग याद थे।

मुझे प्रभु बुलाते और नमन करते थे अरविंद

गोविल ने कहा- उनके साथ काम करने का अनुभव ग्रेट रहा। राम और रावण दोनों रामायण के मुख्य किरदार हैं। ऐसे में दो मुख्य अभिनेताओं में अक्सर कांफ्लिक्ट्स हो जाते हैं। मगर हमारे बीच ऐसा कभी नहीं रहा। गेटअप में भी रहते तो मुझे प्रभु ही बुलाते। वो अभिनय के महारथी थे। हम बहुत अच्छे दोस्त थे, दोस्तों की तरह काम करते थे।

कभी हमारे बीच अभिनय या काम को लेकर प्रतिस्पर्धा नहीं रही। अरविंद जी इतने विद्वान और धार्मिक थे जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल था। हम शूटिंग पर होते या बाहर किसी आयोजन में मिलते, जब भी मिलते मुझे प्रभु कहकर बुलाते थे। कहीं भी मिलते तो सबसे पहले हाथ जोड़ते, मेरे पैर छूते। इसके बाद वे शूटिंग या अन्य काम शुरू करते थे। वे थे भी काफी ज्ञानी।

मंदोदरी बोलीं- किरदार अमर कर दिया

त्रिवेदी के निधन पर मंदोदरी का किरदार निभाने वालीं अपराजिता ने कहा कि त्रिवेदी ने रावण के किरदार को अमर कर दिया। वे बहुत दिग्गज एक्टर थे। मुझे जब पता लगा कि मुझे इनके साथ काम करना है तो मैं नर्वस हो गई थी। हालांकि वे बहुत सपोर्टिव थे।

रामायण के लक्ष्मण भी शॉक

त्रिवेदी के निधन से सुनील लहरी शॉक में हैं, जिन्होंने शो में लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि काश मैं उनसे आखिरी बार मिल पाता। सुनील कहते हैं, मुझे अरविंद भाई के निधन के बारे में सुबह-सुबह एक व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से पता चला। मैं आमतौर पर सुबह 8 बजे से पहले अपना मोबाइल चेक नहीं करता हूं, लेकिन आज मुझे नहीं पता कि मैंने इसे इतनी जल्दी क्यों चेक किया और मुझे इस दुर्भाग्यपूर्ण खबर के बारे में पता चला। कुछ तो कनेक्शन होगा।

शिव स्त्रोत रोज बोलते पूजा में – दीपिका

रामायण धारावाहिक मेंं सीता की भूमिका जीवंत करने वाली दीपिका चिखलिया ने बताया- अरविंद जी से पहली मुलाकात उमरगांव स्टूडियो में सेट पर हुई थी। अपने कैरेक्टर में अरविंद जी बहुत इन्वाल्व रहते थे। अक्सर देखा कि सभी नॉर्मल मुकुट निकाल कर रखते थे, लेकिन इतना वजनदार मुकुट होने के बावजूद ज्यादातर वे अपने मुकुट पहने ही रहते थे।

मुझे हमेशा याद रहेगा कि उनको लंबे-लंबे डायलॉग तो याद ही रहते थे। उन्हें शिव स्त्रोत भी कंठस्थ था। वे निजी जीवन में रोज सुबह की पूजा में शिव स्त्रोत बोलते थे। शिव भक्त इतने बड़े थे कि उन्होंने अपनी मोबाइल की रिंग टोन में भी शिव भजन- ‘ऐसी सुबह न आए आए न ऐसी शाम, जिस दिन जुबां पे मेरी आए न शिव का नाम लगा रखी थी।

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