पहले बैंक में बंधक बताया, पोल खुली तो दे दिया बंद खाते का चेक, प्रकरण दर्ज
उज्जैन,अग्निपथ। सांवेर रोड की दुकान बेचने के नाम पर एक दंपत्ति ने 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। करीब चार साल पहले हुई घटना की शिकायत होने पर नीलगंगा पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि सौदे के बाद दुकान बैंक में बंधक होने का हवाला देकर टाइम लिया और पोल खुलने पर बंद खाते का चेक देकर रुपए हड़प लिए।
वेदनगर निवासी अमित पिता डॉ. विमल गर्ग (48) ने पुलिस को बताया कि अर्जुन नगर निवासी सुरेश पिता रमेशचंद्र भूतड़ा मेडिकल व्यवसायी है। भूतड़ा व उनकी पत्नी रिंकू ने पंडित दीनदयाल कांपलेक्स स्थित दुकान का जुलाई 2017 में उनसे 25 लाख रुपए में सौदा किया। 20 लाख रुपए टोकन लेकर दुकान एसबीआई में बंधक होना बताते हुए छुड़वाने का वादा कर तय समय में दुकान नहीं दे पाने पर 30 लाख रुपए देने का अनुबंध कर लिया।
एक माह बाद दुकान छुड़ाने के लिए छह माह का समय और बढ़ा लिया। शंका होने पर बैंक गए तो चला दुकान बंधक नहीं है। इस पर राशि मांगी तो भूतड़ा दंपत्ति ने चेक दे दिया। जिसके बाउंस होने पर केस का कहा तो उन्होंने जुलाई 2018 में एक्सिस बैंक का चेक दिया। बैंक से पता चला कि उन्होंने बंद खाते का चेक दिया है। टीआई तरुण कुरील ने कहा कि आरोपी दंपत्ति पर साजिश पूर्वक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
मॉडगेज के कागज भी फर्जी
गर्ग के अनुसार भूतड़ा दंपत्ति ने अनुबंध के दौरान दुकान बैंक में बंधक होने के दस्तावेज दिखाए थे। बंधक होने का हवाला देकर दूसरी बार समय मांगा तो अखबार में दुकान खरीदने की जाहिर सूचना दी। बैंक द्वारा आपत्ति नहीं लेने पर शंका हुई और बैंक गए तो पता चला भूतड़ा दंपत्ति ने धोखा देने के लिए मॉडगेज के फर्जी दस्तावेज दिखाए थे।