होटल अजय में 21 माह पहले हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड में फैसला
उज्जैन,अग्निपथ। देवासगेट स्थित होटल अजय में 21 माह पहले हुए मां-बेटी की हत्या के केस में शुक्रवार को जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में दोषी पिता को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि प्रकरण में गवाह नहीं होने पर भी परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी को सजा दी गई है।
इंदौर स्थित द्वारिकापुरी निवासी रमणीक लाल पिता मदनलाल भाटी ने 5 जनवरी 2020 को अजय होटल के कमरा नंबर 308 में पत्नी रेणु को जहर देकर और पुत्री निकिता उर्फ वरुणिका की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद वह फरार हो गया था। घटना से क्षेत्र में हडक़ंप मच गया था। मामले में देवासगेट पुलिस केस दर्ज कर उसे तलाश रही थी। लेकिन घटना के 15 दिन बाद 20 जनवरी को भाटी रतलाम रेलवे स्टेशन के मुसाफिर खाने में बेहोश हालत में मिला था।
ठीक होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में अब तक चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एनपी सिंह ने फैसला सुनाया। उन्होंने भाटी को दोषी सिद्ध होने पर दोहरा आजीवन कारावास एवं 200 रुपये अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक प्रमोद चौबे ने पैरवी की।
घटना एक नजर में
उपसंचालक अभियोजन डॉ.साकेत व्यास ने बताया कि अजय होटल के मैनेजर जितेन्द्र सिंह ने पुलिस को बताया था कि 3 जनवरी की रात भाटी,पत्नि रेणु व पुत्री निकिता के साथ आए और कमरा नंबर 308 में दो दिन सामान्य रहे। 5 जनवरी की रात अज्ञात व्यक्ति की सूचना पर कमरा नंबर 308 में दो लाश होने का पता चला था। पुलिस ने कमरे सें मां-बेटी की लाश बरामद की थी।
निकिता के गले पर दबाने के निशान दिखे। मामले में डाक्टर्स की पैनल द्वारा किए पीएम में पता चला रेणु की मौत जहर से हुई है। जांच में पता चला था कि पत्नी के पूर्व पति की बेटी होने से भाटी ने निकिता का नाम वरूणिका लिखाया था।
सुसाइड की नोटंकी काम न आई
वारदात के बाद फरार भाटी 20 जनवरी को रतलाम स्टेशन के मुसाफिर खाने में जीआरपी को बेहोश मिला था। उसके पास दो पन्ने का सुसाइट नोट था, जिसमें उसने पारिवारिक परेशानी व आर्थिक तंगी के कारण पत्नि, बेटी व स्वयं द्वारा जहर खाकर सोना लिखा था।
यह भी उल्लेख किया था कि 5 जनवरी की रात 8 बजे वह सोकर उठा तो पत्नी फंदे पर लटकी दिखी थी। उसने पत्नी को फंदे से उतारा और होटल से भाग गया। यह भी लिखा की शायद उसकी पत्नी की नींद बीच में खुल गई होगी और वह लडक़ी का गला दबाकर और खुद फंदे पर लटक गई होगी।
इनका कहना है
दोहरे हत्याकांड में गवाह नहीं होने पर न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। – प्रमोद चौबे, जिला लोक अभियोजक