उज्जैन, अग्निपथ। फायर ब्रिगेड की गाड़ी से रामघाट पर डीजल निकाले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारी ही विभाग की दमकलों से डीजल चोरी कर रहे हंै। इस वीडियो की नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने खुद पड़ताल की तो पूरा मामला टॉय-टॉय फिस्स निकला। पड़ताल में खुलासा हुआ कि डीजल चुराया नहीं गया था बल्कि रामघाट की धुलाई के लिए नगर निगम के ही पंप सेट में डालने के लिए गाड़ी से निकाला गया था।
गुरुवार की शाम रामघाट पर उमा-सांझी सवारी पहुंचने से पहले नगर निगम द्वारा घाट की सफाई का काम किया जा रहा था। सफाई में लगे फायटर से कुछ कर्मचारियों द्वारा केन में डीजल निकाले जाने से जुड़ा एक वीडियो बनाकर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। दावा किया गया कि कर्मचारी खुद ही वाहन से डीजल चोरी कर रहे थे।
मामला संज्ञान में आते ही नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने फायर ऑफिसर अजय सिंह राजपूत, वीडियो में दिखाई दे रहे वाहन के ड्राइवर जयसिंह और रामघाट पर सफाई पंप चलाने वाले कर्मचारी नीरज पथरोड़ को तलब किया। मेला कार्यालय पर आयुक्त गुप्ता ने इनसे बात की। दरअसल, रामघाट पर नगर निगम द्वारा सफाई मेट नीरज पथरोड़ और उनके सहयोगी स्टाफ के रूप में 20 लोगों की तैनाती की गई है। यह लोग घाट की सफाई का जिम्मा संभालते हैं, इन कर्मचारियों के पास डीजल पंप सेट भी है।
इन कर्मचारियों और डीजल पंप सेट की तैनाती के बावजूद भी आकस्मिक स्थितियों में फायर ब्रिगेड से भी घाट की धुलाई करवाई जाती है। गुरुवार को उमा सांझी सवारी निकलने वाली थी। इससे पहले घाट धुलाई में लगे एक पंप का डीजल खत्म हो गया, डीजल बाजार से लेकर आने में देर हो जाती तब तक पंप बंद रहता लिहाजा निगम कर्मचारी नीरज पथरोड़ ने फायर ब्रिगेड के वाहन चालक से 5 लीटर डीजल ले लिया।
मौके पर छोटी कैन उपलब्ध नहीं थी इसलिए 20 लीटर की कैन में यह डीजल निकाला गया। सच्चाई सामने आने के बाद आयुक्त ने कर्मचारियों से केवल इतना ही कहा कि आगे से ऐसी परिस्थिति आए तो अपने वरिष्ठ अधिकारी को पहले बताएं।