निगम आयुक्त ने यंत्री के साथ लेखापाल को भी किया रीलिव
उज्जैन, अग्निपथ। स्थानांतरण के बावजूद लंबे वक्त से उज्जैन नगर निगम में जमे हुए कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा की आखिरकार बिदाई हो ही गई है। शर्मा के अलावा लेखापाल हरीश श्रीवास्तव को भी उज्जैन नगर निगम से रवाना कर दिया गया है। सोमवार को नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने रामबाबू शर्मा और हरीश श्रीवास्तव दोनों ही अधिकारियों को उज्जैन नगर निगम से रीलिव कर दिया है।
स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद भी रामबाबू शर्मा द्वारा की जा रही कारगुजारियों को दैनिक अग्निपथ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा का 7 अप्रैल को नगरीय प्रशासन विभाग ने रतलाम नगर निगम में तबादला कर दिया था। तबादला आदेश जारी होने के बावजूद रामबाबू शर्मा उज्जैन में ही जमे हुए थे। यहां उनके पास कई महत्वपूर्ण प्रभार रहे।
उज्जैन में अलग-अलग कार्यकाल के दौरान रामबाबू शर्मा के खिलाफ कई सारी अनियमितताओं की शिकायतें हुई है, इनमें से आधा दर्जन से ज्यादा मामलों की जांच तो आर्थिक अपराध शाखा और लोकायुक्त द्वारा की जा रही है। रामबाबू शर्मा के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं संबंधी शिकायत के बाद पिछले दिनों सांसद अनिल फिरोजिया ने भी नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में ऐसे सभी अधिकारियों को तत्काल रीलिव करने के लिए कहा गया था जो स्थानांतरण के बावजूद उज्जैन नगर निगम में ही जमे हुए थे।
सोमवार को आयुक्त अंशुल गुप्ता ने नगर निगम कार्यालय में पहुंचते ही रामबाबू शर्मा और लेखापाल हरीश श्रीवास्तव के तबादलों से जुड़े आदेश मंगवाए और दोनों के ही रीलिव आदेश टाइप करवा दिए। लेखापाल हरीश श्रीवास्तव के संबंध में भी नगर निगम आयुक्त तक कई सारी शिकायतें पहुंची थी। हरीश श्रीवास्तव का 21 जनवरी को इंदौर नगर निगम स्थानांतरण हो चुका था इसके बावजूद वे यहीं जमें हुए थे। लेखा विभाग में पदस्थ रहते हुए पूर्व अपर आयुक्त लेखा गणेश धाकड़ के साथ भी हरीश श्रीवास्तव की पटरी नहीं बैठ पा रही थी।