जावरा, अग्निपथ। मकान का पट्टा दिलाने के नाम से धोखाधड़ी की शिकायत के बाद भी एक गरीब को न्याय नहीं मिल पा रहा है। पंचायत पुराना रिकार्ड पुलिस को मुहैया नहीं करा रही है। ऐसे में पुलिस की जांच अटकी हुई है। वहीं पंचायत पदाधिकारी इस जमीन के लिए दिए गए दोनों पट्टों को फर्जी बता रहे हैं।
दरअसल, कालूखेड़ा निवासी रशीद मंसूरी नामक एक व्यक्ति ने कालूखेड़ा थाने में कुछ समय पहले एक आवेदन दिया था। जिसमें उसने वर्ष 2004 में घर बनाने के लिए पट्टा पंचायत से मिले पट्टे की जमीन पर किसी और महिला को पंचायत द्वारा वर्ष 2018 में दूसरा पट्टा देने की शिकायत की थी। रशीद को कालूखेड़ा के ही दिलीपसिंह ने 2004 में पट्टा संबंधी प्रमाण पत्र दिया था। जिसके बाद रशीद ने उसके नाम से जारी हुए पट्टे की जगह पर झोपड़ी बना ली थी। जहां पर रेखा बाई पति अमरचंद सूर्यवंशी ने अपना हक बताकर झोपड़ी को तोड़ दिया। हालांकि रशीद अपने पट्टे को लेकर शासन प्रशासन से गुहार लगा चुका है जिसके बाद उसने थाने में कुछ दिन पूर्व आवेदन दिया गया था।
पट्टे के लिए कांग्रेस नेता को दिए डेढ़ लाख
फरियादी रशीद का आरोप है कि एक साल पहले दिलीप सिंह उसके पास आए और कहा कि वर्ष 2004 में ग्राम पंचायत ने जो पट्टा दिया था वह उसके पास है। इसके बदले दिलीप ने रशीद से डेढ़ लाख रुपये मांगे। रशीद के मुताबिक इस पर आस पड़ोस और अन्य जगह से ब्याज से रुपए उठाए और दिलीप सिंह को दिए। उसने जमीम के पट्टे से संबंधित कागजात दिए। जिसे अब पंचायत व अन्य लोग फर्जी बता रहे हैं।
ये पट्टा फज़ऱ्ी है तो फिर इसपे जो साइन कर रखे वो किसके है और मैने जो पैसे दिए उनका क्या होगा में बहुत गऱीब व्यक्ति हु मुझे अगर ये फज़ऱ्ी पट्टा है तो जो मेने पैसे दिए वो देदे नही तो में मर जाऊँगा।
पूर्व सरपंच के पति ने लिए रुपए
रशीद ने रुपये लेकर पट्टे देने का आरोप जिस कांग्रेस नेता दिलीप सिंह पर लगाया है, उसकी पत्नी कालूखेड़ा पंचायत की पूर्व सरपंच व पिपलोदा जनपद पंचायत की सदस्य रही है। जिनके ऊपर लाखों रुपये लेने का आरोप है।
बचाने का प्रयास…?
कालूखेड़ा पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है। पुलिस ने पंचायत से कुछ पुराने रिकोर्ड मांगे लेकिन एक पखवाड़े से ज्यादा हो जाने के बाद भी पंयात पुराने रिकॉर्ड नहीं दे पाई। इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत इन फर्जीवाडा करने वाले को बचाने का प्रयास रही।
एक जगह 14 साल के अंतराल में अलग-अलग नाम से पट्टे बने
पंचायत ने वर्ष 2004 में रशीद के नाम से 30बाय30 फीट की जमीन का पट्टा आवंटित किया था। जिसमें सरपंच, सचिव व पटवारी ने साइन कर रखे है। जिसका पंचायत में वर्ष 2004-2005 में ठहराव प्रस्ताव में लिया था। वहीं इसी जमीन पर रेखा बाई पति अमरचंद सूर्यवंशी ने पंचायत से पट्टा वर्ष 2018 में मिलने का दावा किया।
फर्जी पट्टा
सन् 2004 में ग्राम पंचायत कालूखेड़ा में सचिव रहे भंवरलाल मालवीय का कहना है कि मेरे कार्यकाल में कालूखेड़ा में एक भी व्यक्ति को मकान का पट्टा वितरण नहीं किया है। यह जो पट्टा जारी किया है, किसने किया, इसकी मुझे जानकारी नहीं है और इसमें जो साइन है वो भी मेरे नहीं है।
इनका कहना
वर्ष 2004 का जो पट्टा सामने आया है वह हमारी पंचायत में कई भी रजिस्टर्ड नहीं है और यह फर्जी पट्टा है। वहीं, वर्ष 2018 में बनाया गया पट्टा हमारी बिना सहमति से बनाया है। इसकी अभी जांच चल रही है और जिसके द्वारा भी पट्टा बनाया गया है उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हम उसका विरोध करते हैं। – कैलाश बारोड़, उपसरपंच ग्राम पंचायत कालूखेड़ा