उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के नए आयुक्त अंशुल गुप्ता लाख चाहे नगर निगम का पुराना चल रहा ढर्रा सुधारने की कोशिश में जुटे हो लेकिन नगर निगम में विराजमान प्रतिमाएं अपनी कारगुजारियां बता ही देती है। देवासरोड पर बन रही एक विवादास्पद बिल्डिंग के निर्माण बाधा बन रहे पेड़ो को हटाने की अनुमति निरस्त करने के लिए मंगलवार को आयुक्त ने निर्देशित किया है। मजेदार बात यह है कि जिन पेड़ो की अनुमति निरस्त करने के लिए आदेशित किया गया है वे पेड़ सोमवार को ही काट दिए गए है और उनके अवशेष भी मौके से हटा दिए गए है।
देवासरोड पर आरएम विनो स्टेट डेवलपर्स कंपनी द्वारा कांप्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। इस कांप्लेक्स को नियम विरूद्ध निर्माण अनुज्ञा जारी किए जाने से जुड़े मामले में लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है। नगर निगम के कुछ अधिकारी भी मामले में आरोपी है।
कंपनी की ओर से कांप्लेक्स परिसर में निर्माण में बाधा बन रहे कुछ पेड़ो को काटने के लिए नगर निगम से अनुमति मांगी गई थी। जिस निर्माण की अनुज्ञा ही फर्जी है, उसे ही पूरा करने के लिए नगर निगम के उद्यान प्रभारी ने 4 अगस्त को पेड़ काटने की अनुमति भी जारी कर दी।
कुछ दिन पहले आयुक्त अंशुल गुप्ता के संज्ञान में भी यह मामला आया। मंगलवार को उन्होंने उद्यान प्रभारी को निर्देशित किया गया कि 4 अगस्त को जारी हुई पेड़ काटने की अनुमति निरस्त की जाए। आयुक्त के निर्देश पर अनुमति निरस्त होती इससे 24 घंटे पहले ही मौके से सारे पेड़ काट दिए गए।
ताबड़तोड़ लकड़ी भी ठिकाने लगा दी गई और कुछ ही घंटो में यहां यहां ऐसे हालात बना दिए गए जैसे पेड़ कभी थे ही नहीं। कटे पेड़ो की पत्तियां, जड़ो के अवशेष तक हटा दिए गए। अनुमति के अनुसार पेड़ो से प्राप्त लकड़ी नगरनिगम में जमा होना चाहिए थी। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि लकड़ी नगर निगम तक पहुंची भी या नहीं।