भोपाल। गैस त्रासदी की 36वीं बरसी पर 3 दिसंबर को सेंट्रल लाइब्रेरी के बरकतउल्ला भवन में सुबह 10:30 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर गैस त्रासदी में जान गवांने लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही सभी धर्मग्रंथों का पाठ धर्मगुरुओं द्वारा किया जाएगा।
गैस पीड़ितों की याद में:दिव्यांगों ने हाथ में ली तख्तियां; लिखा- हम याद करते हैं, उनको जो सो गए मौत की आगोश में, उस जहरीली 2 दिसंबर की रात
इधर , गैस कांड के कारण जन्मजात विकलांग बच्चों और चिंगारी ट्रस्ट के स्वयं सेवकों ने मंगलवार शाम को नीलम पार्क में मोमबत्ती जलाकर गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। यहां दो मिनट का मौन भी रखा गया। ट्रस्ट की न्यासी प्रबंधक रशीदा बी एवं चंपा देवी ने बताया कि जहरीली गैस के प्रभाव से विकलांग बच्चे जन्म ले रहे है।
यहां पहुंचे विकलांगों ने हाथ में तख्तियां ले रखी थीं। जिसमें उन्होंने लिखा था- हम याद करते हैं, उनको जो सो गए मौत की आगोश में उस जहरीली 2 दिसंबर की रात।
औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना
3 दिसंबर, 1984 को भोपाल में आधी रात के बाद सुबह यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली जहरीली गैस (मिक या मिथाइल आइसो साइनाइट) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। मरने वालों की संख्या को लेकर मदभेद हो सकते हैं, लेकिन इन त्रासदी की गंभीरता को लेकर किसी को कोई शक, शुबहा नहीं होगा। इसलिए इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि मरने वालों की संख्या हजारों में थी। प्रभावितों की संख्या लाखों में हो तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। भोपाल की गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है।