कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा 21 अक्टूबर से आरती के समय में भी होगा परिवर्तन
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की होने वाली आरती का समय परम्परानुसार परिवर्तित होगा । 21 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक श्री महाकालेश्वर भगवान की 3 आरतियों में परिवर्तन होगा। साथ ही 3 नवम्बर रूपचौदस से भगवान महाकाल का गर्म जल से स्नान शुरू किया जाएगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की छह आरतियां होती हैं। इनमें द्दयोदक आरती 7.30 से 8.15 तक, भोग आरती प्रात: 10.30 से 11.15 तक व संध्या आरती सायं 6.30 से 7.15 बजे तक होगी। इसी प्रकार भस्मार्ती प्रात: 4 से 6 बजे तक, सायंकालीन पूजन सायं 5 से 5.45 तक एवं शयन आरती रात्रि 10.30 से 11 बजे तक अपने निर्धारित समय पर ही होगी।
वहीं 4 नवंबर रूप चौदस को भगवान महाकाल को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा तथा इसी दिन से बाबा को गर्म जल से स्नान प्रारंभ होगा, जो फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक चलेगा।
धनतेरस को होगी धनवंतरि की पूजा
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 2 नवंबर मंगलवार कार्तिक कृष्ण द्वादशी भोम प्रदोष के दिन धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। जिसमें श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान श्री धनवंतरी का पूजन किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त मंदिर के पुरोहित समिति द्वारा भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन किया जाएगा। प्रात: 7.30 की आरती में मंदिर समिति की ओर से अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा। 5 नवंबर को चिन्ता्मण जवासिया स्थित श्री महाकालेश्वर गौशाला में मंदिर के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा गोवर्धन पूजन किया जाएगा।