बिल्डिंग परमिशन की निरस्ती में भी खेल

पार्ट में नक्शा स्वीकृति का मामला ही दबा दिया, एफआईआर पर नहीं तैयार

उज्जैन, अग्निपथ। आगर रोड पर मोहन नगर तिराहे के सामने सिंहस्थ की भूमि पर बनकर तैयार हुई अवैध बिल्डिंग के मामले में नगर निगम से भवन अनुज्ञा निरस्त कर दिए जाने की कार्यवाही तो की गई लेकिन इसमें एक महत्वपूर्ण तथ्य को दबा दिया गया है। नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकरण में पार्ट में भवन अनुज्ञा जारी नहीं की जाती है। हालिया प्रकरण में ऐसा ही हुआ है। पार्ट में भवन अनुज्ञा वाली बात ही पूरी तरह से दबा दी गई है। नोटिस में भी इसका कहीं जिक्र नहीं है।

आगर रोड की जिस बिल्डिंग की नगर निगम ने भवन अनुज्ञा निरस्त की है, उस अनुज्ञा में साफ तौर पर प्लॉट नंबर 69 के पार्ट का जिक्रदर्ज है। अनुमति निरस्त करने के नोटिस में कहीं भी पार्ट का जिक्र नहीं है। नोटिस में भवन निर्माण का स्थल 69/17 दर्शाया गया है। पार्ट में भवन अनुज्ञा जारी करना सीधे तौर पर अवैधानिक है और नगर निगम के नियमों के विपरीत है। भवन अनुज्ञा जारी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के लिए निरस्ती के नोटिस में कहीं भी पार्ट में अनुमति का जिक्र नहीं किया गया है।

एफआईआर पर अधिकारी मौन

मोहन नगर तिराहे की बिल्डिंग के निर्माण का मामला केवल सिंहस्थ भूमि पर अवैध निर्माण का नहीं है। इस प्रकरण में कुछ तथ्य ऐसे भी है जो अपराध की और ईशारा करते है। मामले में सीधे तौर पर नगर निगम के साथ धोखा किए जाने के प्रमाण सामने आए है। भवन का निर्माण कहीं और किया गया, निर्माण अनुज्ञा के लिए रजिस्ट्री कहीं और की दर्शाई गई। भवन अनुज्ञा प्लॉट नंबर 69 के पार्ट के लिए जारी की गई जबकि नगर निगम पार्ट में नक्शा स्वीकृत ही नहीं करती। मामले में गंभीर तथ्य सामने आने के बावजूद केवल अनुज्ञा निरस्त करने की ही कार्यवाही की गई, जबकि इस तरह के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई जाना चाहिए थी।

कुछ बातें तो साफ है

  • 16 अप्रैल 2018 को भवन निर्माण के लिए नगर निगम से जारी हुई अनुज्ञा की जांच में यह साफ हो गया है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र की भूमि का सक्षम प्राधिकारी से उपयोग परिवर्तन नहीं कराया गया था।
  • सिंहस्थ मेला क्षेत्र में किसी भी पक्के निर्माण के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी है, हालिया प्रकरण में यह अनुमति भी नहीं ली गई।
  • भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए तथ्यों को छुपाकर दूसरे स्थल की रजिस्ट्री दर्शाई गई।

इनका कहना

सिंहस्थ मेला कार्यालय से हुई कार्यवाही के आधार पर नगर निगम ने भवन निर्माण अनुज्ञा निरस्त की है। आगे जैसा वरिष्ठ अधिकारियों का निर्देश मिलेगा, कार्यवाही की जाएगी। – जी.के. कंठिल, अधीक्षण यंत्री नगर निगम

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