चार माह पहले गलत इंजेक्शन से बिगड़ी थी हालत, उदयपुर में भी नहीं हो पाया इलाज
उज्जैन,अग्निपथ। चार माह पहले ऑपरेशन में लापरवाही से ब्रेनडेड हुई किशोरी के परिजनों ने बुधवार को फिर मेवाड़ा हॉस्पीटल घेर लिया। आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को उदयपुर के हॉस्पीटल भेजा। लेकिन वहां से बिना ठीक करे छुट्टी कर दी। इसलिए अब अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज करवाने की मांग कर रहे हैं। माधवनगर पुलिस ने उन्हें प्रशासन को शिकायत का हवाला देकर रवाना कर दिया।
परिजनों के साथ हॉस्पीटल का घेराव कर रहे उन्हेल स्थित ग्राम करनावदा निवासी सिकंदर ने बताया कि बेटी यास्मिन (17) की सीढ़ी से गिरने से कमर में क्रेक हो गई थी। उसका मेवाड़ा हॉस्पीटल में 4 जुलाई को ऑपरेशन किया गया। इसी दौरान हाईडोज इंजेक्शन से यास्मिन ब्रेनडेड हो गई। मजबूरन 7 जुलाई को इंदौर के मयूर हॉस्पीटल ले गए। 50 हजार रुपए रोज खर्च आने पर एमवाय में भर्ती किया।
वहां 18 दिन वेंटिलेटर पर रखने के बाद भी ढाई माह ईलाज चला। हालत नहीं सुधरने पर घर भेजा तो मेवाड़ा वापस आना पड़ा। हॉस्पीटल प्रबंधन ने यास्मिन को ठीक करने का भरोसा दिलाकर अपने उदयपुर के हॉस्पीटल भेज दिया, लेकिन वहां से ठीक किए बिना मंगलवार को छुट्टी कर दी।
इसलिए लापरवाह डाक्टर पर केस दर्ज करवाना चाहते हैं। घेराव होने पर सीएसपी विनोद कुमार मीणा, टीआई मनीष लौधा, एसआई महेंद्र मकाश्रे, सलमान कुरैशी आदि मौके पर पहुंचे और करीब आधा घंटे समझाइश के बाद उन्हें रवाना कर सके।
एक माह पहले भी घेराव
सर्वविदित है इंदौर में भी ठीक नहीं होने पर परिजनों ने यास्मिन के इलाज की मांग कर 18 सितंबर को मेवाड़ा हॉस्पीटल का घेराव किया था। प्रबंधन ने मुफ्त में पूर्ण ईलाज का भरोसा देकर उदयपुर भेजा था। वापसी के बाद हंगामा होने पर प्रबंधन ने चैरिटेबल हॉस्पीटल जाने की सलाह दे दी।
प्रशासन से करें शिकायत
सीएसपी मीणा ने हॉस्पीटल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग करने वाले परिजनों का समझाया कि वह प्रशासन को शिकायत करें। कलेक्टर मेडिकल बोर्ड से यास्मिन के इलाज की जांच करवायेंगे। गलती पाए जाने पर उनकी रिपोर्ट पर पुलिस दोषी पाए लोगों पर केस दर्ज करेगी।