जेपीएस के छात्रों का शैक्षणिक भ्रमण
बडऩगर, अग्निपथ। शैक्षणिक नवाचार एवं शिक्षण अधिगम में प्रयोगधर्मिता के लिए अंचल भर में अपनी अलग पहचान रखने वाले जे.जी.आई. बंगलुरु द्वारा संचालित जैन पब्लिक स्कूल, बडऩगर (ढोलाना) के छात्र हाइड्रोपॉनिक एवं जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी को करीब से जानने के लिए बदनावर के बोराली स्थित बजाज फॅार्म हाऊस पहुँचे।
वहाँ के संचालक ने बताया कि हाइड्रोपॉनिक तकनीक के अंतर्गत पानी, पोषक तत्वों और दूसरे साधनों के जरिए घर के अंदर पौधो को तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में मिट्टी की आवश्यकता नहींं होती। यह दुनिया में सबसे बढ़ती कृषि तकनीकों में से एक है। इस तकनीक के द्वारा फॉर्म हाऊस में लेटस, पालक, धनिया आदि पत्ती वाली सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।
खेती के इस आधुनिक तरीकों के अंतर्गत क्रॉस फॉर्मिंग में अमरूद, टमाटर, लौकी, मूली एवं अन्य सब्जियों की भी पैदावार फॉर्म हाऊस में की जा रही है। इसी साथ जैविक खेती के संदर्भ में उन्होंने बताया कि हम पिछले कई वर्षो से जैविक खेती पर जोर देते हुए तीन एकड़ के बड़े क्षेत्र में इस प्रकार की खेती करते हुए उच्च उत्पादन प्राप्त कर रहे है।
वहाँ पर छात्रों ने जैविक खाद की उत्पादन प्रक्रिया को भी नजदीक से जाना। जिसके अंतर्गत गौमूत्र, गोबर व गुड़ आदि चीजों के मिश्रण से जैविक खाद तैयार की जाती है।
इस संदर्भ में संस्था निदेशक अंकित जी वोहरा ने जो कि स्वयं विद्यालय में हाइड्रोपॉनिक खेती की शुरुआत कर चुके हैं ने कहा कि इस तकनीक में मिट्टी का प्रयोग न करते हुए कोकोपीट एवं पानी के माध्यम से ही पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं।
कृषि के इस नवीनतम स्वरुप को छात्र सूक्ष्मता से जाने एवं खुद अपने स्तर पर इसकी शुरुआत करें। इस विषय को और अधिक स्पष्ट करते हुए श्री वोहरा ने कहा कि सीबीएससी के अंतर्गत छात्रों के शिक्षण अधिगम का यह प्रत्यक्ष और प्रायोगिक माध्यम है कि छात्र पुस्तक की विषय वस्तु को व्यावहारिक तौर पर समझे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया जाता है।