महाकालेश्वर मंदिर स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में हर्ष की लहर, देश-विदेश में भी हैं अखाड़े की शाखाएं
उज्जैन, अग्निपथ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्रगिरीजी महाराज के निधन के पश्चात काफी समय से यह पद खाली पड़ा हुआ था। जिसको लेकर 13 अखाड़ों के श्रीमहंतों में अध्यक्ष सहित अन्य पदों को लेकर रायशुमारी बनाई जा रही थी। दस शैव अखाड़ों और 3 वैष्णव अखाड़ों के श्रीमहंतों की बैठकें इस मामले में निरंतर चल रही थीं। विगत बुधवार को हरिद्वार कनखल में अभा अखाड़ा परिषद की बैठक आहुत हुई। जिसमें अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद से लेकर संरक्षक तक के निर्वाचन सर्वसम्मति से संपन्न हुए।
बुधवार को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी कनखल हरिद्वार में अखाड़ा परिषद की एक बैठक परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शाब्दी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें अखाड़ा परिषद के सभी पदों का निर्वाचन सर्वसम्मति से हुआ । जिसमें अध्यक्ष- श्रीमहंत रविन्द्रपुरी जी, उपाध्यक्ष- श्रीमहंत दामोदर दास जी, महामन्त्री- श्रीमहंत राजेन्द्रदास जी, कोषाध्यक्ष- श्रीमहंत जसविन्द्र सिंह शाब्दी, मन्त्री- श्रीमहंत रामकिशोर दास जी, प्रवक्ता- श्रीमहंत गौरीशंकर दास जी, संरक्षक- श्रीमहंत धर्मदासजी, संरक्षक- श्रीमहंत महेश्वरजी मनोनीत किए गए।
अध्यक्ष शैव तो बाकी सभी वैष्णव अखाड़ों से
अध्यक्ष पद पर रविन्द्रपुरीजी महाराज की केवल शैव अखाड़ों से नियुक्ति हुई है। बाकी अन्य पदों पर वैष्णव अखाड़ों के श्रीमहंतों का निर्वाचन हुआ है। उपाध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष, मंत्री, प्रवक्ता से लेकर संरक्षक तक वैष्णव अखाड़ों के मनोनीत हुए हैं।
महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर मंदिर में भी गादी
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के देश सहित विदेशों में भी शाखाएं हैं। अमेरिका से लेकर अन्य देशों और देश के प्रयाग, नासिक, हरिद्वार, काशी, उज्जैन, ओंकारेश्वर सहित कई जगहों पर अखाड़े स्थापित हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी महानिर्वाणी अखाड़ा विद्यमान है। यहां की गादी महंत विनीतगिरीजी महाराज संभाले हुए हैं। अपने ही अखाड़े के श्रीमहंत को अभा अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुने जाने पर हर्ष की लहर व्याप्त है।