वकील चैंबर कमेटी की बैठक में लिया गया निर्णय, पचास से ज्यादा वकील रहे मौजूद
उज्जैन, अग्निपथ। वकीलों के चैंबरों में जल्द ही नए सब मीटर लगाए जाएंगे। ताकि सब वकीलों का अलग-अलग बिल आए। इससे बिजली बिल की खपत पर सभी वकील अपने हिसाब से कर पाएंगे और बार पर भी बिजली के बिल का अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा।
यह विचार -विमर्श बार एसोशिएशन के अध्यक्ष रविंद्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में बार चैंबर कमेटी के सदस्यों और बार की कार्यकारिणी के सदस्यों की मौजूदगी में हुई बैठक में हुआ। दरअसल बार एसोसिएशन का एक मीटर है। इसके जरिए वकीलों के 80 चैंबरों के अलावा बार के सभी हाल और कमरों का बिजली कनेक्शन भी इससे जुड़ा हुआ है। लंबे समय से वकीलों ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया था। इसलिए उनका बिल बढ़ते -बढ़ते छह लाख 26 हजार रुपए पहुंच गया। बीच में जब बिल भरा था, तब कुछ राशि पेनल्टी आदि में समायोजित हो गई। इसलिए बिल की राशि इतनी अधिक हो गई।
इस बार जब बिल फिर से आया तो अध्यक्ष और नई कार्यकारिणी के सदस्यों ने इस समस्या का समाधान निकालने का फैसला किया। इसके बाद चैंबर कमेटी के सदस्यों समेत कार्यकारिणी के सदस्यों और पदाधिकारियों को बुलाया गया था। करीब दो घंटे तक चली बैठक में सभी वकीलों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए थे। बाद में फैसला हुआ कि जो बिल इस समय आया है। इसका तीन लाख रुपए चेंबर कमेटी के सदस्य भरेंगे। बाकी का बिल बार एसोसिएशन के खाते से भरा जाएगा। इससे न तो बिल का भार चेंबर वाले वकीलों पर आएगा और न ही बार हाल या गलियारे में बैठने वाले वकीलों पर आएगा।
बैठक में रविंद्र त्रिवेदी, योगेश व्यास, हरदयाल सिंह ठाकुर, मिश्रीलाल चौधरी, दिनेशचंद्र शर्मा, प्रमोद चौबे, राहुल शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, राजेंद्र समदानी, संदीप भार्गव, द्वाराकाधीश चौधरी, वीरेंद्र सिंह परिहार, राकेश व्यास, महेश त्रिपाठी, योगेश पांडे, नितीश जोशी, हेमंत वाडिया समेत अन्य वकील मौजूद थे।
कुछ वकीलों ने आपत्ति भी जताई है
बताया जाता है कि बार के फंड से पैसा दिए जाने को लेकर कुछ वकीलों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि अंतिम फैसले को लेकर अभी सभी एकमत नहीं हो पाए थे। परन्तु नए फार्मूले को लेकर अधिकांश सदस्यों ने सहमति जताई है।
2016 में वकीलों को मिले थे चैंबर
बताया जाता है कि वकीलों को 2016 में चैंबर मिले थे। आनन-फानन में वकीलों को चेंबर में शिफ्ट किया गया था। इस वजह से चेंबर को लेकर कई व्यवस्थाएं नहीं बन पाई थी। पूर्व में बिजली का बिल कोर्ट फंड से भरा गया था। लेकिन इस बार इस तरह की सहूलियत नहीं मिल पाने की वजह से वकीलों की चेंबर कमेटी ने मामले को सुलजाने का फैसला लिया है।
वर्षों पुराना मामला है
इस विषय पर वकीलों ने चर्चा करके सुलझाने का आग्रह किया था। मैंने जो बिल आया है वह सबके सामने रख दिया था। इसके बाद सभी से चर्चा की गई। चर्चा में सबने मुझे समस्या को सुलझाने का अधिकार दे दिया। आधा बिल देने पर बात हुई है। बार के लेटरपेड पर बिजली विभाग के अधिकारियों को नए मीटर चैंबर में लगाने के संबंध में पत्र लिख दिया जाएगा। दो दिन का अवकाश होने की वजह से परसों बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बुलाया है। वहीं पर बिजली बिल की समस्या का निराकरण हो जाएगा। -रविंद्र त्रिवेदी, अध्यक्ष उज्जैन अभिभाषक मंडल, उज्जैन