थांदला, अग्निपथ। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने व क्षेत्र के जनजातीय वर्ग के बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा मुहैया करवाने के लिये शासन नवीन प्रयोग करती रहती है। ऐसा ही प्रयोग क्षेत्र में कन्या आवासीय शिक्षा परिसर के रूप में किया गया। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि शासन की रूचि योजनाओं के प्रांरभ करने में ही रहती है। धरातल पर उसके समुचित क्रियान्वयन के लिये प्रयास नाकाफी ही सिद्ध होते हैं। वर्ष 2007 से प्रांरभ हुआ ब्लाक का कन्या परिसर भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
परिसर में रहकर अध्ययन करने वाली छात्राएं जमीन पर बैठकर व एक ही कमरे में लग रही दो कक्षाओं में पढऩे के लिये मजबूर है। संस्था में बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त स्थान नहीं है और ना ही रहने के लिये पर्याप्त जगह है। कहने को आवासीय परिसर है किन्तु केवल 10 व 12 कक्षा की बालिकाएं ही परिसर में निवास कर रही है। बाकी कक्षाओं की छात्राएं अपने घरों से ही स्कूल आ रही है।
संस्था प्राचार्य एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था की क्षमता 490 बच्चों की किन्तु स्थानाभाव की वजह से वर्तमान की दर्ज संख्या मात्र 218 है। परिसर में कक्षा से 6 से 12 तक की छात्राओं के परिसर में ही रहकर अध्ययन करने का प्रावधान है। लेकिन इतनी बड़ी संस्था में मात्र 105 छात्राएं 7 छोटे-छोटे कमरों में रह रही है। परिसर में अध्ययन के लिये मात्र विज्ञान संकाय ही वर्तमान ने पढ़ाया जा रहा है। उसके लिये भी ना ही लेब की व्यवस्था है और नहीं पढ़ाने के लिये व्याख्याता है।
स्टाफ
संस्था में 10 व्याख्याता, 9 उश्रेशि, 3 निश्रेशि, 1 लेखापाल व 1 लिपिक का पद स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान में संस्था केवल 3 स्थायी शिक्षक व 8 अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही है। लेखापाल का पद रिक्त है व लिपिक वर्ग 2 के पद पर नियुक्त लिपिक वर्ग 3 स्थानीय निवासी व रसूखदार होने से संस्था में कम ही आते है। संस्था का लिपिकीय कार्य अतिरिक्त व्यवस्था तथा अतिथि शिक्षक द्वारा किया जाता है। संस्था में प्राचार्यों की पदस्थी भी जिला अधिकारियों की पसंद से ही होती है जो हर छह माह में बदलती रहती है। एक ही कक्ष में स्टाफ के बैठने की व्यवस्था स्टोर रूम व कार्यालय लगता है।
भवन
कन्या आवासीय परिसर का नवीन निर्माणाधीन भवन ग्राम मोरझरी में बन रहा है। जिसका निर्माण कार्य पिछले 6 वर्षों से जारी है। लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है निर्माणकर्ता विभाग पीआईयू के जवाबदारों ने बताया कि एजेन्सी की निर्माण अवधि खत्म हो चुकी है तथा एजेन्सी का एक्सटेंशन कालखंड भी खत्म हो गया है। एजेन्सी को नोटिस जारी किया गया है। वर्तमान में कन्या परिसर पूर्व में संचालित नवोदय विद्यालय के भवन मे चल रहा था। उसके पूर्व कन्या उमावि के पीछे कुछ कमरों में संचालित किया जा रहा था।
इनका कहना
संस्था में छात्राओं का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है अन्य जिलों की छात्राओं को जिले की संस्था आवंटित होने पर दूरी की वजह से छात्राएं प्रवेश नहीं लेती है। इस वजह से स्थान रिक्त रह जाते हैं। -एसएन श्रीवास्तव, प्राचार्य कन्या आवासीय परिसर थांदला