नगर निगम ने शुरू की बाजार वसूली कर बढ़ाने की तैयारी, आयुक्त ने मांगा प्रस्ताव
उज्जैन, अग्निपथ। सडक़ पर ठेले में सामान रखकर व्यापार करने वालों पर जल्दी ही महंगाई की मार पडऩे वाली है। नगर निगम ने बाजार वसूली की दरें बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
सोमवार को राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने कहा कि बाजार वसूली के रेट वर्ष 2000 में तय किये थे। इन्हें अब वर्तमान परिवेश के मान से तय करना जरूरी है। उन्होंने राजस्व विभाग से इसका प्रस्ताव भी मांगा है।
निगम आयुक्त ने कहा बाजार वसूली निगम आय की प्रमुख मद है इसके प्रति निगम अमले को गंभीर होना चाहिए। याद रहे वसूली कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नही हो संबंधित कर्मचारी निगम हित में समर्पित होकर कार्य करें। अन्य कर विभाग द्वारा वसूल की जाने वाली प्रत्येक कर की जानकारी आयुक्त द्वारा प्राप्त की गई और उससे संबंधित उपविधि/संकल्प इत्यादि का अवलोकन किया जाकर आवश्यक निर्देश दिये गये।
निर्देश : दरें 21 साल पुरानी, वर्तमान के हिसाब से नए रेट का प्रस्ताव दें
१. बाजार वसूली की वर्तमान में प्रचलित दरें वर्ष 2000 से स्वीकृत होकर प्रभावशिल है उन्हें शहर की वर्तमान स्थिति के मान से निर्धारित किये जाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
2. जब्त सामग्री को छोडऩे की वर्तमान दरे भी 2002 से स्वीकृत होकर प्रभावशिल है उन्हें पुन:रक्षित किये जाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
3. बाजार वसूली कर्ताओ ंको निर्देशित किया कि वसूली अधिक से अधिक हो तथा संबंधित व्यवसाईयों से चर्चा कर यह प्रयास किया जाए कि वे एक मुश्त राशि बैंक में जमा करके मासिक पास बनवा लेवे और उसके माध्यम से प्रतिदिन बाजार वसूली की राशि का भुगतान करें। इस हेतु बैंक से भी समन्वय स्थापित कर व्यवस्था सुनिश्चित करें।
4. निगम स्वामित्व की मासिक किराए पर आवंटित दुकानों में ऐसे दुकानदार जिनकी तरफ किराया अधिक वकाया है उन्हे बिल डिमांड जारी किये जाने की कार्यवाही करें। इसके उपरांत भी राशि जमा ना हो तो कुर्की की कार्यवाही की जाए।
5. विज्ञापन से आय बढ़ाए जाने के लिये उद्यानों की वाल कम्युनिटी हॉल की वाल पर पेंटिंग का ठेका दिया जावे तथा दुकान पर लगे बोर्डों से भी नियमानुसार शुल्क जमा करवाए जाने हेतु ऐजेंसी को ठेका दिया जावे। विज्ञापन के नये स्त्रोतों का आंकलन कर निविदांए आमंत्रित की जावें।