पोस्ट ऑफिस के बाद नगर परिषद ने की तीन अन्य जमीनों की लीज तैयार

अनुविभागीय अधिकारी ने कहा जमीन टाइटल नजूल के नाम

झाबुआ, (मनोज चतुर्वेदी) अग्निपथ। अपने नित नए कारनामों के लिए जिले ही नहीं वरन प्रदेश स्तर पर चर्चित रहने वाली थांदला नगर परिषद एक बार पुन: नजूल भूमियों को अपनी संपत्ति मान कर निजी हाथों में लीज दिए जाने हेतु तथाकथित अखबार में बाले-बाले विज्ञप्ति जारी कर विवादों के साथ चर्चा में है।

दरअसल नगर परिषद ने वार्ड क्रमांक एक महात्मा गांधी मार्ग स्थित पानी की टंकी के समीप 130.011 वर्ग मीटर, पशु चिकित्सालय और पटवारी कार्यालय के मध्य स्थित 401.86 वर्गमीटर और पुराने नगर परिषद कर्यालय की पीछे बायपास मार्ग पर स्थित सामुदायिक भवन जो नगर परिषद ने पहले ही एक निजी नर्सिंग होम को किराए पर दे रखा है कि जमीन 446.7 वर्गमीटर ओर समुदायिक भवन (आशा नर्सिंग होम) 140.16 वर्ग मीटर की भूमि का ऑन लाइन टेंडर 8 अक्टूबर को निकाल विज्ञप्ति जारी कर दी। विज्ञप्ति के अनुसार लीज नीलामी की अंतिम तिथि 2 नवम्बर रखी गयी। इससे पूर्व ही इसकी खबर राजस्व, नजूल विभाग के साथ नागरिकों को लगी वैसे ही इसका विरोध शुरू हो गया।

गौरतलब है कि इससे पूर्व नगर परिषद ने नगर के मध्य पुराने पोस्ट ऑफिस की भूमि भी बाले-बाले निजी हाथों में लीज पर दिए जाने के चलते नगर के आजाद चौक में धरना प्रदर्शन भी हो चुका है।

भूमि निकली नजूल के नाम

मामले की शिकायत के बाद थांदला एसडीएम ने जमीन का रिकार्ड दिखवाया तो जमीन राजस्व नजूल के नाम पायी गयी। एसडीएम ने मामले की गंभीरता समझते हुए जांच तहसीलदार से जांच कर प्रतिवेदन मांगा गया है। पटवारी कार्यालय के पास की भूमि के बारे में नगर परिषद वालों का कहना है कि यह भूमि पूर्व में नगर पालिका ने लोक निर्माण विभाग से 12 हजार रुपये में खरीदी थी।

इधर मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद के कलेक्टर ने कहा कि मामला अनुभाग स्तर का है। वहां मामला हल नहीं होता तो यहां आएगा। एसडीएम जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही किसी करवाई का निर्णय लिया जा सकेगा।

दुकानों का मामला अभी भी अटका हुआ

गौरतलब है कि नगर परिषद द्वारा महिला एवम बाल विकास विभाग के समीप सरकारी नाले पर, सुतरेटि रोड व पीडब्ल्यूडी की जमीन के साथ तेजाजी मंदिर के सामने छात्रवास की भूमि पर दुकाने निर्मित कर कोरोना काल के लाक डाउन में बाले-बाले नीलाम कर अपने लोगों को उपकृत कर दिया। जिसके प्रकरण भी न्यायालय में चलित है। यह मामले अभी सुलझे ही नहीं थे कि एक बार पुन: नगर परिषद ने नगर के महात्मा गांधी मार्ग की 10533 वर्ग मीटर की तीन जमीनों को 3 करोड़ 11 लाख न्यूनतम दर पर लीज देने की तैयारी कर ली थी।

रिकार्ड में जमीन राजस्व नजूल के नाम है

पता चलने पर रिकार्ड दिखवाया गया। पूरी जांच तहसीलदार को सौंपी गयी है, वे जांच कर रहे हैं। साथ ही नगर परिषद सीएमओ से भी जवाब मांगा है कि किस आधार पर लीज प्रक्रिया शुरू की। -अनिल भाना, एसडीएम

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