गुरु पुष्य योग साध्य ओर शुभ नामक योग और भी विशेष बनाएंगे यह योग
उज्जैन, अग्रिपथ। इस साल धनतेरस के चार और दीपावली के छह दिन पहले खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य आज 28 अक्टूबर गुरुवार को होगा। स्वर्ण आभूषण, भूमि-भवन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदी के लिए नक्षत्रों का राजा पुष्य है जो 25 घंटे 57 मिनिट रहेगा। इस दिन गुरु-पुष्य के संयोग को कार्य में सिद्धि देने वाला सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग ओर भी खास बना रहा है।
बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपती पारम्पारिक तीर्थ पुरोहित ज्यो पं चंदन श्याम नारायण व्यास के अनुसार गुरु पुष्य में की गई खरीदारी चिर स्थायी फल प्रदान करने वाली होती है। इस दिन सोना-चांदी और भूमि-भवन की खरीदारी विशेष लाभदायक मानी गई है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर 28 अक्टूबर गुरुवार को पुष्य नक्षत्र की शुरुआत सुबह 9.44 बजे से होगी। पुष्य नक्षत्र 29 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 11.41 बजे तक रहेगा।
28 को रवियोग सुबह 9.30 बजे तक और सर्वार्थ सिद्धि योग दिवस पर्यंत रहेगा। इस की विशेष बात यह है कि इन दोनों दिनों साध्य एवं शुभ नाम के योग इस दिन को और भी विशेषता प्रदान करेंगे जो भी कार्य इस योग में शुरू होगा वह सफल और सिद्धि देने वाला होगा। कई शुभ योग इस दिन के साक्षी बनेगे। इस विशेष योग में मंत्र साधना, पुजा पाठ, दान, खरीदारी, जमीन जायदाद के सौदे करने पर भरपूर लाभ मिलेगा। इस दिन बही खातों के पूजन कर नए कार्यो की शुरुआत करना चाहिए।