एक करोड़ तक टैक्स चोरी भी सामने आई
उज्जैन,अग्निपथ। शहर के ऑटो डिलर्स के यहां एक माह पहले मिली 330 कारों की जांच लगभग पूरी हो गई। परीक्षण में 10 कारों में भारी गड़बड़ी सामने आने के बाद गुरुवार को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। दावा है कि डीलर्स से ब्लैक लिस्टेड कारे तो मिली ही करीब एक करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का भी ता चला है। धांधली उजागर होने के बाद पुलिस अब जल्द ही कुछ डीलर पर केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
एएसपी डॉ. रविंद्र वर्मा व ने बताया कि 27 सितंबर को 21 ऑटो डीलर के यहां सर्चिंग की थी। निरीक्षण में 330 कारे महाराष्ट्र,कर्नाटक, गुजरात,केरल,दिल्ली व पश्चिम ंबंगाल की मिलने पर सभी कार जांच होने तक सेल करने से रोक दी थी। जांच में अन्य प्रदेशों की अधिकांश कारों में टैक्स चोरी की शंका होने पर आरटीओ को पत्र लिखा था, जिन पर 50 लाख से 1 करोड़ का टैक्स बकाया निकला है।
भौतिक सत्यापन में फजल से दो और सलीम से एक,जुबेर व जुवान से मिली दो कार के चेचिस का भाग कटा मिला। तीन कार ब्लैक लिस्टेड मिली। एक मारुति वेगेनार व स्वी ट कार एक ही नंबर से चलने के फूटेज मिले। दोनों कार तलाश रहे है। याद रहे सर्चिंग के दौरान माधवनगर क्षेत्र के डीलर्स के पास अन्य प्रदेशों की कारें मिली थी। इनमें 76,चिमनगंज क्षेत्र में 168 व नीलगंगा के डीलर्स के यहां108 कार मिली थी।
केस दर्ज की तैयारी
ट्रैफिक डीएसपी एचएन बाथम के अनुसार परिक्षण के दौरान वाकणकर ब्रिज के पास फजल ऑटो पर रेड इंडिका कार जब्त की थी, जिसके आगे-पीछे अलग-अलग नंबर मिलने पर नीलगगा पुलिस ने गैरेज संचालक फजलुद्दीन पिता शमशुद्दीन के खिलाफ 4 अक्टॅूबर को केस दर्ज किया था। परिक्षण के बाद ब्लैक लिस्टेड व इंजन चेसिस नंबर में गड़बड़ी करने वाली कार बेंचने वालों पर केस दर्ज किए जांएगे।
इन्हें मिली सफलता
सर्वविदित है कारा बाजारों में गड़बड़ी वाली कारे मिलने की सूचना पर एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने जांच के आदेश दिए थे। नतीजतन एएसपी डॉ. वर्मा ने डीएसपी बाथम,टीआई मनीष लौधा,ओपी अहिर, जितेंद्र भास्कर,तरुण कुरील,पवन बागड़ी, संगीता डामौर, सुबेदार सौरभ शुक्ला, संजय राजपूत, मनीष शुक्ला,एसआई खेमराज पहाडिय़ा ,आर.सुशील शर्मा,दीपक दिनकर, देवीसिंह,प्रवीण व राजेश के साथ मिलकर चेकिंग अभियान चलाया था।
यह वाहन खरोद-फरो त के नियम –
- बाहरी वाहन लाने पर पुलिस-आरटीओ को सूचना देना जरुरी।
- अन्य राज्य के वाहन 15 दिन में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य।
- फायनेंस या अपराध में लिप्त न हो।
- मूल स्वरुप व पहला रजिस्ट्रेशन जरुरी है।
- टैक्स पेड हो,कमर्शियल हो तो उसी रूप में रहे।