जिला पंजीयक विभाग में घोटाला सामने आने के बाद भी नहीं दर्ज कराई गई शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में गलत जानकारियों के आधार पर हुए प्रापर्टी सौदों में सरकार को लाखों रूपयों की चपत लगाए जाने का खुलासा हुआ है। कलेक्टर ने मामले की जांच कराई, एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित आदेश भी जारी किए। एसपी ने अपने टीआई को फोन पर एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए लेकिन रजिस्ट्रार कार्यालय एक बार फिर से लापरवाह बन गया। कलेक्टर का आदेश जारी होने के बाद टीआई थाने में इंतजार करते रहे लेकिन रजिस्ट्रार कार्यालय से कोई शिकायत लेकर ही नहीं पहुंचा।
जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में मकान के बजाए प्लॉट दर्शा देने, सिंचित जमीन को असिंचित बता देने जैसे रोजाना कई खेल होते हैं। गलत जानकारियों के आधार पर होने वाली इस तरह की रजिस्ट्रियों में राज्य सरकार को हर रोज लाखों रूपए टैक्स की चपत लगती है। पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह को इस तरह की टैक्स चोरी की एक गोपनीय शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर बताया था कि घट्टिया विकासखंड में बड़े पैमाने पर सिंचित जमीन को असिंचित बताकर प्रापर्टी के सौदे हुए है।
सिंचित जमीन के सौदे में शासन को असिंचित की अपेक्षा ज्यादा टैक्स मिलता है, इसी टैक्स को बचाने के लिए कई लोग सौदों में गलत जानकारियां दर्शा देते हैं। इस शिकायत के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने अपर कलेक्टर अवि प्रसाद से जांच कराई। अकेले घट्टिया तहसील में ही मार्च महीने में हुए 18 जमीन सौदों की जांच कराई गई, इनमें से 13 में टैक्स की चोरी कर शासन के साथ धोखाधड़ी होने की बात सामने आई है।
अपर कलेक्टर अवि प्रसाद ने कलेक्टर को बुधवार को जांच रिपोर्ट पेश की थी। कलेक्टर ने तत्काल ही जिला पंजीयक ऋंतुभरा द्विवेदी को इन सभी 13 मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने ही इस मामले में एसपी सत्येंद्र कुमार से भी बात की। बुधवार रात ही एसपी सत्येंद्र कुमार घट्टिया थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान को एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देशित कर चुके थे।
गुरूवार को पूरे दिन थाना प्रभारी शिकायतकर्ता अधिकारी का इंतजार करते रहे। जिला पंजीयक विभाग से कोई भी शख्स घट्टिया थाने पर पहुंचा ही नहीं। खास बात यह है कि अपर कलेक्टर द्वारा की गई जांच के बावजूद भी जिला पंजीयन विभाग गुरूवार शाम तक यह तय नहीं कर पाया था कि शासन को इन प्रकरणों से कितना नुकसान हुआ है।
इनका कहना
- मुझे कल ही एसपी साहब का फोन आ गया था। शिकायत करने कोई थाने पर आए तो एफआईआर दर्ज करे। अब तक तो कोई शिकायत थाने पर नहीं पहुंची है। -विक्रम सिंह चौहान, थाना प्रभारी घट्टिया
- हमें गुरूवार को ही कलेक्टर महोदय का लिखित आदेश प्राप्त हुआ। जितने भी प्रकरणों में धोखाधड़ी की बात सामने आई है, उनकी सूची थाने पर भिजवाई जा रही है। – ऋतुंभरा द्विवेदी, जिला पंजीयक